नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने जेवर में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को ग्रेटर नोएडा से पॉड टैक्सियों का उपयोग करके जोड़ने का फैसला किया है। कई पश्चिमी देशों में यह परिवहन का एक लोकप्रिय तरीका है। पॉड टैक्सी में चार से छह लोग बैठते हैं और इसमें ड्राइवर नहीं होता है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ग्रेटर नोएडा और जेवर को जोड़ने वाली पॉड टैक्सी सेवा विकसित करेगी। इस संबंध में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) जल्द ही पेश की जाएगी।
'इंडिया टुडे' की खबर के अनुसार, जेवर से बीजेपी विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा, 'ग्रेटर नोएडा तक हमारे पास पहले से ही मेट्रो कनेक्टिविटी है लेकिन ग्रेटर नोएडा शहर से जेवर की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है। इस अंतर को पाटने के लिए पॉड टैक्सियों पर विचार किया जा रहा है। पॉड टैक्सी कई पश्चिमी देशों में व्यापक रूप से परिवहन का एक क्रांतिकारी तरीका है।'
पॉड टैक्सी परियोजना की अनुमानित लागत 50-60 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर है। कुल लागत 1,250-1,500 करोड़ रुपए होगी।
यात्रियों के लिए होगा सुलभ
YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा, 'आगामी हवाई अड्डा तक हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के एक बड़े क्षेत्र से सड़क के माध्यम से आसानी से पहुंचने योग्य है। यात्रा के समय को कम करने में मदद करने के लिए हम पॉड टैक्सियों पर काम कर रहे हैं जो यात्रियों को परेशानी से मुक्त यात्रा का अनुभव देंगी। इसके अलावा, चूंकि फिल्म सिटी को भी जेवर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा, इसलिए पॉड टैक्सी सेवा कनेक्टिविटी में बहुत मदद करेगी।'
जेवर में आगामी एयरपोर्ट दो प्रमुख एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के आसपास के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों को जोड़ता है। पिछले साल दिसंबर में जेवर हवाई अड्डे के विकास के लिए यूपी कैबिनेट ने ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को मंजूरी दी थी। 2016 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि मेट्रिनो ड्राइवरलेस पॉड टैक्सियों से युक्त एक पायलट परियोजना 800 करोड़ रुपए की लागत से दिल्ली और हरियाणा को जोड़ेगी।
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