नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) की बंगाल इकाई ने योग गुरु रामदेव (Yog Guru Ramdev) के खिलाफ उनकी इस कथित टिप्पणी के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि डॉक्टरों सहित कई कोविड-19 रोगियों की मौत हो गई क्योंकि आधुनिक दवाएं बीमारी का इलाज नहीं कर सकती हैं।संगठन ने कोलकाता के सिंथी थाने में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें रामदेव पर महामारी के दौरान "भ्रामक और झूठी जानकारी" देने के साथ जनता के बीच भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया गया है।
आईएमए की बंगाल शाखा ने दर्ज शिकायत में कहा, 'रामदेव ने कहा है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति के कारण कोविड के मरीज अधिक पीड़ित हैं और मर रहे हैं, जो कोरोना वायरस का इलाज नहीं कर सकती। उन्होंने यह भी कहा है कि टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी 10,000 से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हो चुकी है, जो कि बिल्कुल गलत है।'
गौरतलब है कि एक वायरल वीडियो क्लिप में, रामदेव को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि 'कोविड-19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग मर गये।' उन्हें कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए भी सुना जा सकता है।
बाबा रामदेव और आईएमए के बीच जारी विवाद के बीच कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने कहा था कि हमारे पास हाइपरटेंशन, बीपी, सुगर, जैसी ऐसी बीमारियों का इलाज है। हमारे पास एक करोड़ पेशेंट का डेटा है जिनको हमने ठीक किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि मैं मेडिकल साइंस का सम्मान करता हूं। आप भी योग साइंस का सम्मान कीजिए। बाबा रामदेव ने इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA)और फार्मा कंपनियों को खत लिखकर 25 सवाल पूछे थे। उन्होंने कहा कि एलौपैथी सर्वशक्तिमान और सर्वगुण संपन्न है तो फिर एलोपैथी के डॉक्टर तो बीमार नहीं होने चाहिए।बाबा रामदेव ने बीपी, टाइप-1,टाइप-2 डायबिटीज, थायराइड जैसी कई बीमारियों को लेकर सवाल पूछा कि क्या उनके पास इनका स्थायी समाधान है।बाबा रामदेव ने कहा पूछा कि एलोपैथी के पास फैटी लिवर, लीवर सिरोसिस, हेपटाइटिस को क्योर करने के लिए मेडिसिन क्या है?
गौर हो कि हाल ही में आईएमए ने एक वीडियो में "मॉडर्न एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दीवालिया साइंस है" (Modern allopathy ek aisi stupid aur Diwaliya science hain) में रामदेव के बयान के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और कार्रवाई नहीं होने पर आईएमए ने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी।
योग गुरु स्वामी रामदेव ने एलोपैथी के बारे में दिए गए अपने बयान को वापस ले लिया था। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव के बयान को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा था। इसके जवाब में स्वामी रामदेव ने लिखा था, 'माननीय श्री डॉ. हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ, उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं-'
स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए रामदेव ने लिखा है, 'हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान तथा एलोपैथी के विरोधी नहीं है।
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