लखनऊ। मुख्तार अंसारी वैसे तो जनप्रतिनिधि हैं, अब जब वो लोगों के प्रतिनिधि हैं तो उन्हें जनता के बीच होना चाहिए। ये बात अलग है कि पिछले 10 वर्षों से जेल से ही जनता की सेवा कर रहे हैं। लेकिन उनकी जेल उत्तर प्रदेश में नहीं हैं बल्कि पंजाब के रोपड़ में हैं। उनके नाम पर संगीन मुकदमे दर्ज हैं। यूपी सरकार बार बार पंजाब सरकार से गुहार लगा रही है यूपी के अपराधी को सौंप दो। लेकिन अपील और दलील नहीं काम आ रही है। इस विषय पर अकाली दल ने कैप्टन अमरिंदर सरकार को घेरा। अकाली दल ने पूछा कि एक तरफ तो कांग्रेस अपराधियों के साथ कठोरता से पेश आने की बात करती हैं। लेकिन यूपी के एक अपराधी को सौंपने में क्या परेशानी है। आखिर वो कौन सा स्वार्थ है जो पंजाब सरकार को फैसला लेने से रोक रहा है।
खत, दबाव का पंजाब सरकार पर असर नहीं
मुख्तार अंसारी का जितना कद बड़ा है, उतनी ही संख्या में उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज है। वैसे तो उनके आपराधिक इतिहास में कई केस हैं। लेकिन बीजेपी विधायक रहे कृष्णानंद राय की हत्याकांड में जब वो नामजद हुए तो चर्चा में आ गए। कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय जो इस समय खुद गाजीपुर जिले के मोहम्दाबाद से विधायक हैं खुद कई बार पंजाब सरकार से गुहार लगा चुकी हैं कि उनके पति के हत्यारे को यूपी भेजा जाए। इस संबंध में उन्होंने प्रियंका गांधी को एक खत लिखकर मार्मिक अपील की थी कि वो खुद एक महिला हैं और उनके दर्द को समझ सकती हैं।
मुख्तार अंसारी का क्या कहना है
मुख्तार अंसारी ने यूपी की जेलों में खुद के जान पर संकट की गुहार लगा पंजाब के रोपड़ जेल में शिफ्ट हो गए। यूपी सरकार का कहना है कि यह सिर्फ अपने गुनाहों से बचने की चाल भर है। यूपी पुलिस के अधिकारी जब जब रोपड़ जेल गए उस वक्त उन्हें बैरंग हाथ लौटना पड़ा।यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने है। देश की सर्वोच्च अदालत में मुख्तार अंसारी की तरफ से दलील दी गई कि वो आतंकी नहीं है। लेकिन उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं हो रहा है। यूपी की सरकार खुन्नश निकालने के लिए उन्हें वापस लाना चाहती है।
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