महापुरुषों पर राजनीतिक दावेदारी, जानिए कैसे भाजपा से लगातार पिछड़ती जा रही है कांग्रेस

देश
आईएएनएस
Updated Apr 17, 2022 | 14:52 IST

कांग्रेस के समर्थन से बतौर प्रधानमंत्री देश की बागडोर संभालने वाले 4 पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में भी इस प्रधानमंत्री संग्रहालय में प्रमुखता से बताया गया है।

Politics on great personalities, know how Congress is continuously lagging behind BJP
महापुरुषों पर राजनीतिक दावेदारी- BJP से पिछड़ती हुई कांग्रेस 
मुख्य बातें
  • प्रधानमंत्री संग्रहालय का हाल ही में पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
  • इस संग्रहालय में देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को दिखाया गया है प्रमुखता से
  • संग्रहालय के उद्घाटन अवसर पर गांधी परिवार के अलावा तमाम पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिजन रहे मौजूद

नई दिल्ली: भारतीय राजनीति में महापुरुषों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है और इसलिए तमाम राजनीतिक दल देश की आजादी के बाद से ही महापुरुषों पर अपनी दावेदारी या यूं कहे कि हिस्सेदारी जता कर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करती रही है। लेकिन महापुरुषों पर दावेदारी की राजनीतिक लड़ाई में पिछले कई वर्षों से भाजपा, कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों को पीछे छोड़ती नजर आ रही है। देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल से लेकर संविधान निर्माता और दलितों के प्रेरणा स्रोत बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह तक भाजपा ने महापुरुषों की लंबी ऋंखला पर अपने कार्यों, नीतियों, संग्रहालयों और अन्य स्मारकों को बना कर अपनी दावेदारी को पहले ही पुख्ता कर दिया है। इस कड़ी में प्रधानमंत्री संग्रहालय के उद्घाटन को अब तक का सबसे मजबूत और प्रभावी कदम बताया जा रहा है जिसने कांग्रेस समेत ऐसे तमाम राजनीतिक दलों को बैकफुट पर ला दिया है जो कभी न कभी भारत सरकार का हिस्सा रही है।

PM at the inauguration of the Pradhanmantri Sanghralaya, in New Delhi on April 14, 2022.

प्रधानमंत्री संग्रहालय की खासियत

यह माना जा रहा है कि राजनीतिक तौर पर सबसे बड़ा झटका देश में लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस को लगा है। प्रधानमंत्री संग्रहालय में जवाहर लाल नेहरू, गुलजारी लाल नंदा, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, एच डी देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल और मनमोहन सिंह के अलावा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी बताया गया है। इस संग्रहालय में जिन 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के राष्ट्र निर्माण में योगदान को प्रमुखता से दिखाया गया है, उनमें से 7 कांग्रेस के प्रधानमंत्री रहे हैं। नेहरू-गांधी परिवार की बात करें तो इस परिवार के 3 पूर्व प्रधानमंत्रियों - जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बारे में प्रधानमंत्री संग्रहालय में प्रमुखता से बताया गया है।

PM at the inauguration of the Pradhanmantri Sanghralaya, in New Delhi on April 14, 2022.

उद्घाटन अवसर पर मौजूद रहे पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिजन

14 अप्रैल को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए इस संग्रहालय के उद्घाटन कार्यक्रम में लाल बहादुर शास्त्री, चंद्रशेखर, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और एच डी देवगौड़ा के अलावा अन्य कई पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिजन पूरे उत्साह से शामिल हुए और उन्होने इस तरह का संग्रहालय बनाने के लिए नरेंद्र मोदी को खुल कर धन्यवाद भी कहा और आभार भी जताया। लेकिन देश को 7 प्रधानमंत्री देने वाली कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का काफी आश्चर्य से देखा जा रहा है। आईएएनएस से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को लोगों तक पहुंचाने के लिए इस संग्रहालय का निर्माण किया है। उन्होने इस बात पर खासा जोर देते हुए कहा कि जिस पार्टी ने देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए और जिस परिवार से सबसे ज्यादा लोग देश के प्रधानमंत्री बने हों, ऐसे परिवार को (गांधी परिवार) इस कार्यक्रम में जरूर आना चाहिए था।

PM at the inauguration of the Pradhanmantri Sanghralaya, in New Delhi on April 14, 2022.

पीएम मोदी का जताया आभार

कांग्रेस नेता के तौर पर देश के प्रधानमंत्री बनने वाले लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि इस संग्रहालय में देश की बहुत बड़ी धरोहर को संजोया गया है। उन्होंने इसके लिए मोदी सरकार के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इसके माध्यम से लोग देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में तो जानेंगे ही साथ ही लोगों को यह भी पता लगेगा कि देश किन परिस्थितियों में साल दर साल तरक्की करता रहा है। आईएएनएस से बात करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा के पोते एन.वी. सुभाष ने भी मोदी सरकार के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उनके दादा (पीवी नरसिम्हा राव) ने अपना पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित कर दिया। वो कांग्रेस को अपनी मां मानते थे। 1991 में संकट काल में उन्होंने पार्टी और सरकार, दोनों को संभाला। लेकिन कांग्रेस ने, खासतौर से गांधी परिवार ने उन्हें कभी वह सम्मान नहीं दिया, जिस सम्मान के वो हकदार थे। उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को हमेशा इस बात का दुख और मलाल रहेगा।

दरअसल, संग्रहालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांधी परिवार सहित देश के सभी 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिजनों को न्यौता भेजा गया था लेकिन गांधी परिवार के इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने से भाजपा को एक और बड़ा मुद्दा मिल गया है। राजनीतिक रूप से तो भाजपा पिछले कई दशकों से यह आरोप लगा ही रही है कि कांग्रेस ने नेहरू-गांधी परिवार से अलग किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री को कोई श्रेय नहीं दिया और उनके साथ भेदभाव भी किया है और अब तो कांग्रेस की सरकारों में प्रधानमंत्री रह चुके कई नेताओं के परिजन भी खुलकर इस तरह का आरोप लगा रहे हैं, जिसने भाजपा की राह आसान कर दी है।

बीजेपी का बड़ा राजनीतिक दांव

दरअसल, प्रधानमंत्री संग्रहालय के बहाने भाजपा ने अपने महापुरुषों का कुनबा बढ़ाने के लिए एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला था और इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होकर गांधी परिवार ने भाजपा की इस रणनीति को एक तरह से सफल साबित कर दिया। एक तरफ जहां नेहरू गांधी परिवार से इतर अन्य प्रधानमंत्रियों के योगदान को भी मान्यता देकर भाजपा एक राजनीतिक संदेश देने का प्रयास कर रही है, वहीं साथ ही कांग्रेस खासकर गांधी परिवार को कठघरे में खड़ा करने की भी कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने जिस अंदाज में जोर देते हुए देश के सभी लोगों से प्रधानमंत्री संग्रहालय देखने आने और अपने बच्चों को भी दिखाने की अपील की, उससे भी यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस राजनीतिक संदेश को पहुंचाना चाहती है। भाजपा अपनी इस रणनीति में जितनी ज्यादा कामयाब होती जाएगी, उतना ही महापुरुषों पर दावेदारी की लड़ाई में कांग्रेस पिछड़ती हुए दिखाई देगी।

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