रोम/नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली के रोम पहुंचे तो वह वेटिकन सिटी भी गए, जहां शनिवार को उनकी रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस के साथ 'गर्मजोशी से भरी मुलाकात' हुई। इस दौरान दोनों गले मिले तो उन्होंने कोविड-19 के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की और पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्यौता दिया। पोप फ्रांसिस ने उनके इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उनके जल्द ही भारत दौरे की उम्मीद की जा रही है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि पोप फ्रांसिस ने पीएम मोदी का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। उन्होंने पीएम मोदी से कहा, 'आपने मुझे बहुत बड़ा उपहार दिया है। मैं भारत दौरे को लेकर उत्साहित हूं।' हर्षवर्धन श्रृंगला के मुताबिक, पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस के साथ मुलाकात करीब 20 मिनट के लिए ही निर्धारित थी, लेकिन यह मुलाकात लगभग एक घंटे तक चली। उनके बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इससे पहले पोप का भारत दौरा 1999 में हुआ था, जब पोप जॉन पॉल द्वितीय नई दिल्ली पहुंचे थे।
पोप फ्रांसिस को भारत दौरे का आमंत्रण दिए जाने और उनके द्वारा इसे स्वीकार किए जाने की खबर से भारत में रह रहे ईसाई समुदाय के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उन्होंने इसे विविधता की संस्कृति वाले भारत में ईसाई धर्म और अन्य धर्मों के अनेक पंथों के बीच संबंधों को मजबूत करने वाला और सौहार्द तथा भाईचारा व सहयोग बढ़ाने वाला कदम बताया तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। आरएसएस ने इसे देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला बताया।
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'अगर किसी सरकार के प्रमुख दुनिया में मौजूदा सभ्य समाज में किसी से मिलते हैं तो इसमें गलत क्या है? हम इसका स्वागत करते हैं, क्योंकि हम 'वसुधैव कुटुम्बकम' में भरोसा करते हैं। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।' वह संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे, जब उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री दूसरे देशों के प्रमुखों से मिल रहे हैं और हमारे देश की प्रतिष्ठा बढ़ा रहे हैं, यह प्रसन्नता की बात है।'
वहीं, केरल कैथोलिक बिशप परिषद (KCBC) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस की रोम में हुई मुलाकात का स्वागत करते हुए कहा कि पोप को भारत आमंत्रित करने का फैसला ऐतिहासिक है। यह दुनिया के देशों के बीच भारत का कद बढ़ाएगा तो उनकी यात्रा से भारत और वेटिकन सिटी के बीच संबंध और मजबूत होंगे। केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल एम जॉर्ज एलेनचेरी ने उम्मीद जताई कि पोप फ्रांसिस जल्द भारत का दौरा करेंगे, जो विविधता से भरे देश में भाईचारा व सहयोग को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
वहीं, कटक-भुवनेश्वर के आर्कबिशप और ओडिशा में चर्चों के प्रमुख जॉन बरवा ने कहा, भारतीय ईसाई बहुत खुश हैं कि हमारे पीएम हमारे पोप से मिले। निश्चय ही संबंध प्रगाढ़ होंगे। हम कई वर्षों से इस मुलाकात का इंतजार कर रहे थे। हम खुश और गौरवान्वित हैं। दिल्ली कैथोलिक आर्चडायसीज के प्रवक्ता फादर एस शंकर ने कहा, यह सिर्फ ईसाइयों के लिए नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए बड़ी खुशखबरी है। हम चाहते थे कि पोप भारत आएं। हमें उम्मीद है कि पोप की यात्रा अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढावा देने का अवसर बनेगी।
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