नई दिल्ली। एमएसपी और मंडी समिति के मुद्दे पर किसान संगठन और केंद्र सरकार आमने सामने हैं। इस विषय पर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन नतीजा सिफर रहा। 9 दिसंबर को दोनों पक्षों के बीच छठवें दौर की बातचीत होनी है लेकिन उससे पहले 8 दिसंबर को किसान संगठनों ने बंद का ऐलान किया है। अलग अलग हस्तियों ने पुरस्कारों को वापस करने की घोषणा की है उनमें से एक पंजाब के पूर्व सीएम और शिरोमणि अकाली दल के कद्दावर नेता प्रकाश सिंह बादल भी रहे हैं।
बादल का पीएम को खत
प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। "मैं चल रहे किसानों के संकट के बारे में गहराई से चिंतित हूं। मुझे ऐसा लगता है कि अगर सरकार ने वास्तव में किसानों की पहल के बारे में सोचा था तो ईमानदार प्रतिक्रिया पर अधिक ध्यान दिया गया था तो इस मुद्दे को बेहतर तरीके से निपटाया जा सकता था।
तीन अधिनियमों पर उठाये सवाल
लेटर में आगे कहा गया है, "तीन अधिनियमों ने सवाल उठाया है कि देश को गहरी उथल-पुथल में धकेल दिया गया है, बिना किसानों को हटाए और उनके परिवारों को इस कड़ाके की ठंड में किसी भी अधिक पीड़ा को सहना होगा। मुद्दा अकेले किसानों की चिंता नहीं करता है बल्कि पूरे देश के आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करता है। वो कहते हैं कि आज देश के अन्नदाता को ठिठुरने वाली ठंड में अपनी बात रखनी पड़ रही है इस तरह की तस्वीर बन रही है जैसे अपनी ही सरकार अपने लोगों की चिंता नहीं है।
सरकार खुले दिल से विचार करे
प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को इस विषय पर संवेदनशीलता के साथ विचार करने की जरूरत है। इसमें किसी तरह का इगो नहीं होना चाहिए। अगर किसान संगठनों को कानून पर ऐतराज है तो उसके खत्म करके नए सिरे से विचार करने में क्या दिक्कत है। सरकार को यह तो सुनिश्चित करना ही होगा किसानों के हक पर कोई और हमला न कर सके।
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