नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन जारी है। गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि चाहे कितना भी विरोध हो, CAA वापस नहीं होने वाला है। उनके इस बयान पर अब जेडीयू उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उन्हें चैलेंज दिया है। किशोर ने अमित शाह से कहा है कि वो सीएए और एनआरसी को वैसे ही क्यों लागू नहीं करते जैसे उन्होंने घोषणा की थी।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, 'नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं है। अमित शाह जी, यदि आप सीएए एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों की परवाह नहीं करते हैं, तो आप आगे क्यों नहीं बढ़ते और उसी क्रोनोलॉजी में सीएए और एनआरसी को लागू करने का प्रयास करते जो आपने राष्ट्र को बताई थी।'
मंगलवार को अमित शाह ने लखनऊ में कहा था, 'मैं आज लखनऊ की भूमि से डंके की चोट पर कहता हूं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है। वोट बैंक के लोभी, आंख के अंधे और कान के बहरे नेताओं को मैं कहूंगा कि आप शरणार्थियों के कैंप में जाइए और उनकी स्थिति देखिए। जब पड़ोसी देशों में करोड़ों लोग मार दिए गए, उनका धर्म परिवर्तित कराया गया, 5 लाख कश्मीरी पंडितों को अपने ही देश में विस्थापित कर दिया गया, तब फैशन की तरह पट्टियां बांध-बांध कर ह्यूमन राइट्स की बात करने वालों के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला था। आज 70 वर्षों से प्रताड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन शरणार्थियों को नरेंद्र मोदी जी ने उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है।'
प्रशांत किशोर शुरू से ही नागरिकता कानून के खिलाफ मुखर होकर बोल रहे हैं, हालांकि उनकी पार्टी ने इसका समर्थन किया। लेकिन एनआरसी के विरोध में उनकी पार्टी भी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे।
इससे पहले 11 जनवरी को प्रशांत किशोर ने कहा था, 'मैं CAA और NRC का औपचारिक विरोध करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व का धन्यवाद करने के लिए सभी के साथ अपनी आवाज मिलाता हूं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों विशेष धन्यवाद के पात्र हैं। इसके अलावा सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं- बिहार में सीएए-एनआरसी लागू नहीं होगा।'
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