Prashant Kishor to meet Nitish Kumar: तो क्‍या जेडीयू से इस्‍तीफा देंगे प्रशांत किशोर? खुद दिया जवाब

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Updated Dec 14, 2019 | 17:30 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Will Prashant Kishor resign from JDU: प्रशांत कुमार कई मुद्दों पर जेडीयू नेतृत्‍व के फैसलों से नाखुशी जाहिर कर चुके हैं, जिसके बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह पार्टी से इस्‍तीफा दे सकते हैं।

Prashant Kishor to meet CM Nitish Kumar speculation high on his resignation from JDU
प्रशांत किशोर के जेडीयू से इस्‍तीफा देने की अटकलें लगाई जा रही हैं (फाइल फोटो)  |  तस्वीर साभार: BCCL

पटना : बिहार में सत्‍तारूढ़ जनता लदल यूनाइटेड के उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर पिछले काफी समय से पार्टी नेतृत्‍व से अलग बयान दे रहे हैं। कई बार वह मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के फैसलों से असहमत दिखे तो कई मौकों पर उन्‍होंने खुलकर जेडीयू नेतृत्‍व के फैसले से अलग अपना रुख जाहिर किया। फिलहाल वह नागर‍िकता कानून में संशोधन के मोदी सरकार के फैसले को समर्थन देने के जेडीयू के फैसले की आलोचना को लेकर चर्चा में हैं।

प्रशांत किशोर नागरिकता कानून में संशोधन के लिए संसद में लाए गए विधेयक पर जेडीएयू के समर्थन को लेकर खुलकर अपना असंतोष जता चुके हैं, जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पार्टी से इस्‍तीफा दे सकते हैं। ऐसी अटकलों के बीच प्रशांत किशोर से जब सवाल किया गया कि क्‍या वह पार्टी से इस्‍तीफा देने जा रहे हैं तो उन्‍होंने केवल इतना कहा, 'मुझे जो कहना था, कह चुका हूं। अब मैं बस मुख्‍यमंत्री (नीतीश) से मुलाकात के बाद ही कुछ कहूंगा।'

जेडीयू ने जब संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने का फैसला किया था, तब प्रशांत किशोर ने पार्टी के इस फैसले को 'निराशाजनक' करार देते हुए कहा था कि यह न केवल जेडीयू के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है, बल्कि गांधी के विचारों के भी खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से इस बिल को लाया गया, उसमें पार्टी को इसे समर्थन देने से बचना चाहिए था।

जेडीयू उपाध्‍यक्ष ने गैर-बीजेपी शासित राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों से भी अपील की थी कि अब संविधान को बचाने की जिम्‍मेदारी उन पर है, जिन्‍हें इस बारे में फैसला करना है कि वे इसे अपनाएंगे या नहीं। उन्‍होंने तीन राज्‍यों- पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल का हवाला देते हुए कहा था कि सिर्फ इन्‍हीं राज्‍यों ने साफ किया है वे इस नए संशोधित कानून को नहीं अपनाएंगे, जबकि अन्‍य राज्‍यों ने इस पर स्थिति साफ नहीं की है, जिन्‍हें ऐसा करने की जरूरत है।

 

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