प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी के आवास पर कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर धरने पर बैठने वाले एसडीएम विनीत उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया गया है। विनीत ने जिले के कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। विनीत उपाध्याय अपनी पत्नी के साथ जिलाधिकारी के सरकारी बंगले पर धरने पर बैठ गए थे, हालांकि डीएम से पट्टा आवंटन में घपले पर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद उनका धरना कुछ समय बाद खत्म हो गया था।
हुए सस्पेंड
लेकिन अब खबर आ रही है कि विनीत उपाध्याय के खिलाफ अनुशानात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। विनीत उपाध्याय ने डीएम डॉ. रूपेश कुमार, एडीएम शत्रुघ्न और एसडीएम सदर मोहनलाल गुप्ता पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने के साथ ही डीएम और एड़ीएम पर लालगंज के एक कॉलेज प्रबंधक के फर्जीवाड़े को दबाने का आरोप भी लगाया था।
साफ छवि के हैं विनीत
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एसडीएम की छवि एक साफ सुथरी ऑफिसर की मानी जाती है। एसडीएम विनीत उपाध्याय के मुताबिक, उन्होंने एक जमीन को फर्जी जमीन के खरीद के मामले को उजागर किया था और इसकी जांच रिपोर्ट तैयार कर जब भेजने की बारी आई तो स्थानीय नेताओं और अधिकारियों ने उन पर दवाब बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने जांच की फाइल भेजी लेकिन उसे दबा दिया गया जिसे लेकर विनीत नाखुश थे और इसी वजह से वह धरने पर बैठे थे।
इसे लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। एसडीएम के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी डीएम आवास पहुंच गए लेकिन पुलिस ने उन्हें मुख्य गेट के बाहर ही रोक दिया। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
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