जब राष्ट्रपति कोविंद ने अपने दोस्त की शादी की सालगिरह को केक काटकर बना दिया यादगार 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कानपुर दौरे में अपने दोस्त के के अग्रवाल की की शादी की सालगिरह को केक काटकर यादगार पल बना दिया।

President Kovind Kanpur Visit
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कानपुर दौरा  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदअपने घनिष्ठ मित्र केके अग्रवाल से मिलने उनके आवास पहुंचे
  • राष्ट्रपति ने दोस्त की 51 वीं शादी की सालगिरह को केक काटकर यादगार बना दिया
  • अग्रवाल जो एक कपड़ा व्यापारी हैं, उनका पिछले कुछ हफ्तों से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चार दिवसीय दौरे पर कानपुर में हैं, इस दौरान वे अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों से मिल रहे हैं। कानपुर पहुंचने के लिए ट्रेन में सवार हुए कोविंद कानपुर देहात में अपने पैतृक गांव परौंख गए।रविवार को राष्ट्रपति हेलिकॉप्टर से अपने गांव पहुंचे और सम्मान के तौर पर अपने गांव की मिट्टी को छूने के लिए झुक गए।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पत्नी सविता कोविंद और बेटी स्वाती के साथ अपने घनिष्ठ मित्र कानपुर कपड़ा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष केके अग्रवाल से मिलने उनके आवास पहुंचे। बीमार दोस्त का हालचाल पूछने के बाद राष्ट्रपति ने दोस्त की 51 वीं शादी की सालगिरह को केक काटकर यादगार बना दिया।

अग्रवाल जो एक कपड़ा व्यापारी हैं, उनका पिछले कुछ हफ्तों से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है, इसलिए राष्ट्रपति ने अपने पुराने दोस्त के घर जाने का फैसला किया। वह अपने साथ अग्रवाल और उनकी पत्नी वीना की 51वीं शादी की सालगिरह मनाने के लिए केक भी ले गए।

के.के. अग्रवाल ने कहा- 'यह उन्हें भगवान कृष्ण की याद दिलाता है'

बाद में मीडिया से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा कि वह इस बात से उत्साहित हैं कि राष्ट्रपति ने उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह उन्हें भगवान कृष्ण की याद दिलाता है जो उनके गरीब मित्र सुदामा के घर आए थे। उनकी शादी की सालगिरह मनाने के लिए केक ले जाने के राष्ट्रपति के इशारे ने इस अवसर को खास बना दिया।

अग्रवाल और राष्ट्रपति कोविंद के परिवार बहुत लंबे समय से दोस्त हैं

कानपुर के व्यवसायी ने दिल्ली में राष्ट्रपति भवन का दौरा किया था, जब कोविंद ने देश के सर्वोच्च पद की शपथ ली थी।2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद का अपने पैतृक गांव का यह पहला दौरा है। राष्ट्रपति भवन के एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने 'अपने पूर्ववर्तियों की परंपरा के अनुसार' अपने पैतृक गांव के लिए एक ट्रेन यात्रा करने का फैसला किया।कोविंद से पहले पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कैडेटों की परेड में भाग लेने के लिए दिल्ली से देहरादून के लिए एक विशेष ट्रेन में यात्रा की थी।


 

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