नई दिल्ली: हाल ही में राष्ट्रपति का वेतन सोशल मीडिया से लेकर हर जगह तक चर्चा का विषय रहा। दरअसल, अभी उत्तर प्रदेश दौरे पर गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सार्वजनिक मंच से अपने वेतन का जिक्र किया और बताया कि वह अपनी मासिक आय का 50 प्रतिशत से अधिक कर में भुगतान करते हैं। इसी के साथ बहस शुरू हो गई। लोग कहने लगे कि राष्ट्रपति के वेतन पर तो टैक्स नहीं लगता है।
कोविंद ने कहा था, 'राष्ट्रपति देश का सबसे अधिक वेतन पाने वाला कर्मचारी है लेकिन वह कर भी देता है। मैं हर महीने कर के रूप में 2.75 लाख का भुगतान करता हूं। हर कोई कहता है कि मुझे हर महीने 5 लाख मिलते हैं, लेकिन यहां भी कर लगाया जाता है। तो, कितना बचा? हमारे अधिकारियों और अन्य लोगों को उससे अधिक मिलता है, जितना बचा है। जो शिक्षक (कार्यक्रम में) बैठे हैं, वे सभी अधिक प्राप्त करते हैं।'
इस बयान ने भारत के राष्ट्रपति को दिए जाने वाले वेतन और अन्य लाभों पर एक दिलचस्प चर्चा छेड़ दी। क्या राष्ट्रपति का वेतन कर योग्य है? यदि हां, तो उन्हें कितना टैक्स देना चाहिए? क्या वह अपने पद के महत्व को देखते हुए कोई कर लाभ प्राप्त करते हैं?
राष्ट्रपति को मिलती हैं कई सुविधाएं
राष्ट्रपति का वेतन भारत की संचित निधि से लिया जाता है। यह राष्ट्रपति की परिलब्धियां पेंशन अधिनियम 1951 के अंतर्गत आता है।
इस अधिनियम के तहत राष्ट्रपति के वेतन, परिलब्धियों और सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों के लिए प्रावधान निर्धारित किए गए हैं। 2017 में भारत सरकार ने भारत के राष्ट्रपति के वेतन को 1.5 लाख रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति माह करने का निर्णय लिया था। वेतन के अलावा राष्ट्रपति को अन्य भत्ते मिलते हैं, जिसमें मुफ्त आवास और मुफ्त चिकित्सा उपचार सुविधाएं (जीवन भर के लिए) शामिल हैं। राष्ट्रपति को मुफ्त यात्रा, छुट्टियां मिलती हैं। रिटायर होने के बाद भी राष्ट्रपति को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। उन्हें 1.5 लाख रुपए पेंशन के तौर पर दिए जाते है। साथ ही स्टाफ पर खर्च करने के लिए 60 हजार रुपए महीना दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें सुरक्षा से लेकर कहीं भी ठहरने तक कई सुविधाएं दी जाती हैं। राष्ट्रपति की पत्नी को भी कार्यालय खर्चा मिलता है।
कर का भुगतान करते हैं राष्ट्रपति?
न तो आयकर अधिनियम और न ही राष्ट्रपति पेंशन अधिनियम विशेष रूप से भारत के राष्ट्रपति के वेतन को कराधान से छूट देते हैं। इसलिए, ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रपति अपनी आय पर कर का भुगतान करते हैं। लेकिन राष्ट्रपति की आय की प्रकृति क्या है, इस पर बहुत स्पष्टता नहीं है- क्या इसे 'वेतन' के रूप में दिया जाता है या 'अन्य स्रोतों से आय' के रूप में दिया जाता है। हाल ही में कोविड-19 लॉकडाउन और इसके खिलाफ लड़ाई के दौरान राष्ट्रपति ने अपने वेतन का 30% नहीं लिया। इसका मतलब है कि उनके वेतन में 30% की कटौती की गई और उन्हें 1.5 लाख कम मिल रहा है।
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