नई दिल्ली: भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आज हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी से मुलाकात की जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। खबर के मुताबिक बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें रूस और यूक्रेन संकट पर भी बात हुई। दोनों नेताओं ने यूके और भारत की रणनीतिक रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा की। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहीं बोरिस जॉनसन ने महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान बोरिस ने शानदार स्वागत के लिए धन्यवाद दिया।
बैठक के बाद संयुक्त वक्तव्य जारी करने के दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'इस समय जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मनाया रहा है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का यहां आना अपने आप में एक ऐतिहासिक पल है। कल तो पूरे भारत ने देखा है कि आपने अपनी भारत यात्रा का शुभारंभ साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करके किया। पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की स्थापना की थी। इस दशक में अपने संबंधों को दिशा देने के लिए हमने एक महत्वाकांक्षी रोडमैप 2030 भी लॉन्च किया था। आज हमने इस रोडमैप को भी रिव्यू किया और आगे के लिए लक्ष्य तय किए।'
इस दौरान पीएम मोदी ने बताया, 'हमने इस साल के अंत तक FTA के समापन की दिशा में पूरा प्रयास करने का निर्णय लिया है। पिछले कुछ महीनें में भारत ने UAE और ऑस्ट्रेलिया के साथ फ्री ट्रेड अग्रीमेंट का समापन किया है। उसी गति और कमिटमेंट के साथ हम UK के साथ भी FTA पर आगे बढ़ना चाहेंगे। भारत में चल रहे व्यापक reforms, हमारे infrastructure modernization plan और National Infrastructure Pipeline के बारे में भी हमने चर्चा की। हम UK की कंपनियों द्वारा भारत में बढ़ते निवेश का स्वागत करते हैं। और इसका एक उत्तम उदाहरण हमें कल गुजरात में हालोल में देखने को मिला। आज हमारे बीच Global Innovation Partnership के implementation arrangements का समापन एक बहुत महत्त्वपूर्ण पहल साबित होगी। इसके तहत तीसरे देशों में “Made in India” innovations के transfer और scaling-up के लिए भारत और UK 100 मिलियन डॉलर तक co-finance करेंगे। एक free, open, inclusive and rules-based order पर आधारित Indo-Pacific क्षेत्र बनाए रखने पर हमने जोर दिया। Indo-Pacific Oceans Initiative से जुड़ने के UK के निर्णय का भारत स्वागत करता है।'
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, 'हमने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर बल दिया। हमने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान का महत्त्व भी दोहराया। हमने एक peaceful, stable और secure Afghanistan और एक inclusive और representative Government के लिए अपना समर्थन दोहराया। यह आवश्यक है कि अफगान भूमि का प्रयोग अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए।'
दोनों देशों के बीच साल 2020 में 18.3 अरब पाउंड का व्यापर हुआ था। भारत ने ब्रिटेन को 11.7 अरब पाउंड का सामान एक्सपोर्ट किया था जबकि ब्रिटेन ने भारत को 6.6 अरब पाउंड का सामान एक्सपोर्ट किया था। इतना ही नहीं,ब्रिटेन भारत का चौथा सबसे बड़ा इन्वेस्टर है। देश में फॉरेन इन्वेस्टमेंट के मामले में ब्रिटेन का स्थान चौथे नंबर पर है। साल 2020 तक UK ने भारत में 2.26 लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है।वहीं भारत ब्रिटेन के लिए तीसरा सबसे बड़ा इन्वेस्टर है। भारतीय इन्वेस्टमेंट से ब्रिटेन में 1.16 लाख लोगों को रोजगार मिला है।
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भारत और ब्रिटेन के बीच अब 5300 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट पर सहमति बन चुकी है। साल 2023 में G-20 की बैठक होनी है.. जिसकी अध्यक्षता भारत करने वाला है। ब्रिटेन इस बैठक में अहम भूमिका के साथ पार्टनरशिप चाहता है। बोरिस जॉनसन का ये दौरा उनके राजनीतिक भविष्य के लिए भी बेहद अहम है। ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से रिश्ते खत्म कर चुका है। रूस से भी उसकी तनातनी चल रही है ऐसे में उसकी उम्मीद भारत पर टिकी । जॉनसन भारत के साथ व्यापार बढ़ा कर महंगाई कम करने का रास्ता अपनाना चाहते हैं।इसके अलावा वो इस यात्रा को भुनाकर देश में अपनी छवि को भी अच्छी करना चाहते हैं।इन सब के अलावा ब्रिटेन में बड़ी संख्या में रह रहे भारतीयों को भी इस यात्रा के जरिए रिझाने की कोशिश होगी।
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