प्रधानमंत्री संग्रहालय को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित किया। म्यूजियम में दाखिल होने पहले उन्होंने खुद टिकट कटाया और उसके बाद एंट्री ली। इस म्यूजियम की खासियत यह है कि आजादी के बाद से अब तक सभी पीएम को जगह दी गई है। भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ भीमराव अंबेडकर की 131 वीं जयंती पर गुरुवार को प्रधानमंत्री संग्रहालय, जिसे प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है।
'आजादी का अमृत महोत्सव' के उत्सव के दौरान यह संग्रहालय, स्वतंत्रता के बाद भारत की कहानी अपने प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान के जरिये बताता है।राष्ट्र निर्माण के लिए भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से निर्देशित, संग्रहालय स्वतंत्रता के बाद से भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि है, चाहे उनकी विचारधारा या कार्यालय में कार्यकाल कुछ भी हो।
पीएम म्यूजियम की खास बातें
क्या कहा गया था रिलीज में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक समावेशी प्रयास है, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को हमारे सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदर्शिता और उपलब्धियों के बारे में जागरूक और प्रेरित करना है।नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह संग्रहालय (म्यूजियम) का काम प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि हमारी आखिरी गैलरी में प्रधानमंत्री के रूप में डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल को दिखाया गया है। हाल के कार्य कार्यकाल (2014 से पीएम मोदी के) पर भी जल्द ही काम किया जाएगा।
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