नई दिल्ली। कृषि कानून के मुद्दे पर किसान आंदोलन में फूट पड़ चुकी है और उसकी वजह 26जनवरी को दिल्ली में उत्पात है। यह बात अलग है कि कृषि कानून का मुद्दा अब सियासी होता जा रहा है। बजट सत्र से पहले 17 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सीधे तौर पर कहा कि किसान देश का हित है, जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं, वे देशद्रोही हैं।
'किसान को तोड़ने वाले देशद्रोही'
कल आधी रात में लाठी से किसान आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश की। आज गाजीपुर, सिंघू बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है। यह लोकतंत्र के हर नियम के विपरीत है। कांग्रेस किसानों के साथ इस संघर्ष में खड़ी रहेगी। किसान देश का हित हैं। जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं- वे देशद्रोही हैं। हिंसक तत्वों पर सख़्त कार्यवाही की जाए लेकिन जो किसान शांति से महीनो से संघर्ष कर रहे हैं, उनके साथ देश की जनता की पूरी शक्ति खड़ी है।
राहुल गांधी बोले- अब एक साइड चुनने का समय
प्रियंका गांधी के साथ साथ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया और कहा कि एक साइड चुनने का समय है। मेरा फ़ैसला साफ़ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूँ, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूँ। इससे पहले कांग्रेस की तरफ से एक ट्वीट के जरिए यह समझाने की कोशिश की गई किस तरह से केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को बदनाम कर दिया। राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ दिन पहले खेती का खून नाम का बुकलेट जारी किया था और यह कहा था कि किस तरह से मोदी सरकार सिर्फ 2 से तीन लोगों के हितों में काम कर रही है।
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