नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से बसों को अनुमति देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर खड़े इन बसों को 24 घंटे हो गए हैं। अगर आपको इस्तेमाल करनी है तो इस्तेमाल करिए, हमें अनुमति दीजिए। अगर आपको भाजपा के झंडे और स्टीकर लगाने हैं बेशक लगाइए। अगर आपको कहना है कि आपने उपलब्ध करवाई है तो वो भी कहिए लेकिन इन बसों को चलने दीजिए। अब तक 92,000 लोग घर पहुंच सकते थे
उन्होंने कहा कि हम सबको अब अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी। ये भारत के वो लोग हैं जो भारत की रीढ़ हैं, जिनके खून और पसीने से ये देश चलता है। अपने राजनीतिक स्वार्थ से परहेज कर हर किसी को सकारात्मक भाव से सेवाभाव से लोगों की मदद में शामिल होना चाहिए।
प्रियंका ने कहा, 'दिल्ली में खड़ी हमारी बसों का मकसद दिल्ली एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद से पैदल जा रहे मजदूरों को घर पहुंचाना था। ऐसे में दिल्ली से लखनऊ तक इन बसों का खाली चलना मकसद को खत्म करने जैसा था। हमने बसों को गाजियाबाद-नोएडा में तैयार रखने का सुझाव दिया और परमिट देने की बात कही। फिर इसके बाद सारा राजनीतिक सिलसिला शुरू हुआ। लिस्ट में गलत नम्बर की बात कही गई। हम उनको नई लिस्ट देने तक को तैयार थे। लेकिन मैं इस राजनीति में पड़ने के बजाय ये कहूंगी कि 17 मई को हमने 500 बसें गाजियाबाद बॉर्डर पर खड़ी की थीं। अगर उन बसों को अनुमति मिलती तो लगभग 20,000 लोग घर पहुंच चुके होते।'
प्रियंका के मुताबिक, लॉकडाउन की घोषणा के बाद कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के हर जिले में स्वयंसेवियों के समूह बनाए और लोगों तक ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाने की कोशिश की। इन समूहों ने अब तक करीब 67 लाख लोगों की मदद की है। उन्होंने कहा, 'हमारी भावना सकारात्मक रही है और हमारा हमेशा से सेवा भाव रहा है। कुछ समय से हम कह रहे थे कि यूपी रोडवेज की बसें प्रवासी श्रमिकों के लिए उपलब्ध करा दीजिए। जब कई हादसे हुए और हमने देखा कि यूपी रोडवेज की बसें नहीं चलाई जा रही हैं तो हमने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी कि हम एक हजार बसें चला सकते हैं।
गौरतलब है कि बसों को लेकर पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। दोनों तरफ से एक दूसरे को कई पत्र लिखे गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि कांग्रेस ने 1000 से अधिक बसों का जो विवरण मुहैया कराया है, उनमें कुछ दोपहिया वाहन, एंबुलेस और कार के नंबर भी हैं। इस पर कांग्रेस ने कहा कि उसकी ओर से मुहैया कराई गई सूची में, उत्तर प्रदेश सरकार ने खुद 879 बसों के सही होने की पुष्टि की है और उसे अब इन बसों को चलाने की अनुमति प्रदान कर देनी चाहिए।
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