नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों और विश्वविद्यालयों में मचे घमासान के बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य कांग्रेस नेता इंडिया गेट पर धरने पर बैठे। यह 2 घंटे के लिए प्रतीकात्मक विरोध-प्रदर्शन है। जामिया मिलिया इस्लामिया (दिल्ली) और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर इंडिया गेट पर प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी, पीएल पुनिया, अहमद पटेल और अन्य कांग्रेस नेता प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन पर बैठे।
धरने पर बैठीं प्रियंका ने कहा, 'सरकार ने संविधान को झटका दिया है। यह राष्ट्र की आत्मा पर हमला है, युवा राष्ट्र की आत्मा है। विरोध करना उनका अधिकार है। मैं भी एक मां हूं। आपने उनकी लाइब्रेरी में प्रवेश किया, उन्हें बाहर निकाला और उनकी पिटाई की। यह अत्याचार है। कांग्रेस का हर व्यक्ति इस अत्याचार के खिलाफ लड़ेगा और छात्रों के साथ खड़ा होगा।'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस बात पर जवाब देना चाहिए कि कल विश्वविद्यालय में क्या हुआ, किसकी सरकार ने छात्रों के साथ मारपीट की? उन्हें डूबती अर्थव्यवस्था पर बोलना चाहिए। उनकी पार्टी के विधायक ने एक लड़की के साथ बलात्कार किया, उस पर वो क्यों नहीं बोले?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'यह एक ऐसी सरकार है जिसने देश के युवाओं और छात्रों के अधिकारों पर हमला किया है। इसीलिए, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने इंडिया गेट पर शाम 4 बजे से अगले 2 घंटों के लिए एक सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।'
जामिया मिल्लिया इस्लामिया घटना पर प्रियंका गांधी ने कहा, सरकार ने संविधान और छात्रों पर हमला किया है, उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के बाद छात्रों पर हमला किया है। हम संविधान के लिए लड़ेंगे, हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे।'
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'कैब और एनआरसी भारत में बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण करने के लिए फासीवादियों के हथियार हैं। इन गंदे हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण, अहिंसक सत्याग्रह है। मैं कैब और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़ा हूं।'
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