नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस अब खुलकर मैदान में आ चुकी है। कांग्रेस के सभी नेता एकसुर में मोदी सरकार की नीतियों की मुखालफत कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर के बघरा में किसान महापंचायत में उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया और कहा कि जो सरकार अन्नदाताओं के खिलाफ बात करती हो वो किसी की अपनी नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के बेटे बार्डर की हिफाजत करते हैं उन किसानों को आतंकी बताना घोर अपमान है। आज जो लोग सड़कों पर उतरकर अपने हक की बात करते हैं क्या वो देशविरोधी हैं।
किसानों के पक्ष में खुलकर उतरी कांग्रेस
प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों की लड़ाई में उनकी पार्टी हमेशा साथ है। नरेंद्र मोदी की सरकार अपने पक्ष में आने वाले चुनावी नतीजों को जनता का मुहर बताती है तो पंजाब में जिस तरह से बीजेपी की करारी हार हुई है उसके बाद बीजेपी को मान लेना चाहिए कि कृषि कानूनों में खामी है। जब देश के ज्यादातर किसान सरकार के कानूनों की मुखालफत कर रहे हैं तो मोदी सरकार जिद पर क्यों अड़ी हुई है।
जवान और किसान दोनों का आदर होना चाहिए
जो जवान इस देश की सीमा को सुरक्षित रखता है, वो जवान किसान का बेटा है। उस जवान का आदर करना चाहिए, किसान का आदर करना चाहिए।जिस तरह इस सरकार ने पूरे देश को बेचा है, उसी प्रकार से आपकी खेती को, आपकी कमाई को ये अपने खरबपति मित्रों को बेचना चाह रहे हैं।इन नये कानूनों के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म होगा, सरकारी मंडियां खत्म होंगी, आपके हक खत्म होंगे।
कृषि कानून किसानों के पूरी तरह खिलाफ
पहला कानून- प्राइवेट मंडियां लगेंगी और सरकारी मंडियों में जो टैक्स लिया जाता है, वो प्राइवेट मंडियों में नहीं लिया जायेगा। इसका मतलब ये है कि आहिस्ते-आहिस्ते सरकारी मंडियां खत्म हो जाएंगीदूसरे कानून में कांट्रेक्ट फार्मिंग के बारे में लिखा गया है। आपकी सुनवाई नहीं है; आप अदालत में नहीं जा सकते, आप अपने हक के लिए लड़ नहीं सकते।सरकारी मंडियों में आपको न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता है। प्राइवेट मंडियों के खुलने और उनको मजबूत बनाने से बड़े-बड़े खरबपतियों की मनमानी होगी, जो दाम वो चाहेंगे वही देंगे, जब खरीदना चाहेंगे तभी खरीदेंगे।
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