मुंबई: महाराष्ट्र के ठाणे की भिवंडी सिटी पुलिस ने निष्कासित बीजेपी नेता नवीन कुमार जिंदल को 15 जून को उनके सामने पेश होने के लिए समन जारी किया है। उसके खिलाफ भिवंडी सिटी पीएस में आईपीसी 295 (A) के तहत मामला दर्ज किया गया (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा)। गौर हो कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी देने की वजह से बीजेपी ने नवीन कुमार जिंदल निष्कासित कर दिया। पैगंबर मोहम्मद के बारे में एक जून को किए गए अपने ट्वीट के बाद जिंदल सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए थे। जिंदल ने कहा था कि उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर हमला करने वालों और उनका अपमान करने वालों से सवाल पूछते हुए ट्वीट किया था और इसका उद्देश्य किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।
दो दशकों से अधिक के अनुभव वाले पूर्व पत्रकार जिंदल की सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पूर्व में भी कई विवाद हो चुके हैं। अपने ट्विटर हैंडल से कथित तौर पर आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का एक फर्जी वीडियो शेयर करने के आरोप में उनके खिलाफ पंजाब में मामला दर्ज किया गया था।वह अपने ट्वीट के लिए महाराष्ट्र और राजस्थान पुलिस के निशाने पर भी थे।
एक पत्रकार के रूप में दो दशक लंबे करियर के बाद, जिंदल बीजेपी के करीब आ गए और आखिरकार पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने 2003 में दिल्ली के लक्ष्मी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव भी लड़ा। वह नियमित रूप से समाचार चैनल की बहस में दिखाई देते थे और बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता के रूप में पार्टी के विचारों को सामने रखते थे और बाद में उन्हें इसके मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख के रूप में पदोन्नत किया गया था।
बीजेपी से निकाले जाने के बाद जिंदल ने अपने पिछले पदनाम को हटाकर अपना ट्विटर प्रोफाइल बदल दिया और इसके बजाय गौरवान्वित हिंदू और राष्ट्रवादी जोड़ दिया। उनकी किताब 'इस्लामिक मदरसे बेनकाब' का 2008 में तत्कालीन आरएसएस प्रमुख केएस सुदर्शन द्वारा विमोचन किया गया था। एक पत्रकार के रूप में उन्होंने गाजी बाबा और अफजल गुरु सहित कई के साक्षात्कार भी किए थे।
उधर दिल्ली पुलिस ने बीजेपी के पूर्व प्रवक्ताओं नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, विवादित संत यती नरसिंहानंद और अन्य के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले मैसेज पोस्ट और शेयर करने के लिए एफआईआर दर्ज की हैं।
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जिन्होंने सार्वजनिक शांति बनाए रखने और विभाजन के आधार पर लोगों को भड़काने के खिलाफ मैसेज पोस्ट तथा साझा किए। उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 295 (किसी भी धर्म के अपमान के इरादे से प्रार्थना स्थलों का अपमान करना) और 505 (सार्वजनिक शरारत वाले बयान देना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
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