नई दिल्ली: पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ विवादित बयान (Prophet Muhammad Remarks) को लेकर देश के विभिन्न इलाकों में हुई हिंसा एवं तोड़फोड़ (Violence Incidents) की घटनाओं के बीच विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने मांग की कि देशभर में मस्जिदों और मदरसों के 'भीतर और बाहर' तथा मुस्लिम बहुल इलाकों में उच्च क्षमता का कैमरा लगाया जाए ताकि गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। विश्व हिन्दू परिषद ने कहा कि हिंसा किसी के हित में नहीं है।
VHP के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने अपने बयान में कहा कि देश के जिहादी कट्टरपंथी तत्व आम मुसलमानों को हिंसा के मार्ग पर ले जा रहे हैं, जो ना तो उनके हित में है और ना ही देश के। उन्होंने कहा, 'भारत के शांत व सौहार्दपूर्ण वातावरण को दूषित करने वालों को यह समझना होगा कि भारत संविधान से चलता है शरियत से नहीं ।'
उन्होंने कहा, 'जो लोग कट्टरपंथियों की कठपुतली बनकर न्यायालय के बजाए सड़कों पर स्वयं न्यायाधीश बनने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं, उन्हें इससे बाज आना होगा।' कुमार ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर निर्दोष लोगों, सुरक्षाबलों, मंदिरों व सार्वजनिक स्थानों पर हमले सभ्य समाज के लिए चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि देश में जगह-जगह शासन-प्रशासन कार्रवाई कर ही रहा है किन्तु दंगाइयों के विरुद्ध और कठोरता से पेश आना होगा।
विहिप पदाधिकारी ने कहा कि दंगाइयों से संपत्ति के नुकसान की भरपाई तो की ही जाए, इस संबंध में प्रक्रिया को सरल व त्वरित भी बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन धार्मिक स्थानों से हिंसक भीड़ निकली, उन स्थानों को भी इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि जिस बात को लेकर देश में हिंसा व घृणा का वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है उसमें पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई पहले ही प्रारंभ कर दी है। कुमार ने कहा, 'मुस्लिम समुदाय को हिंसा का मार्ग त्यागकर कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए, अन्यथा इस प्रकार की क्रिया, प्रतिक्रिया किसी के हित में नहीं होगी।'
वहीं, कट्टरपंथी एवं जेहादी तत्वों पर लगाम लगाने की जरूरत को रेखांकित करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि देशभर में प्रत्येक मस्जिदों और मदरसों के 'भीतर और बाहर' तथा मुस्लिम बहुल इलाकों में उच्च क्षमता के कैमरे लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि इन कैमरों की कमान एवं परिचालन संबंधी व्यवस्था संबंधित पुलिस थानों के पास होना चाहिए और किसी भी अप्रिय स्थिति की जवाबदेही पुलिस थानों के प्रभारी पर होनी चाहिए।
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