अग्निपथ स्कीम: तो इसलिए बिहार,हरियाणा,यूपी में ज्यादा विरोध ! ये आंकड़े बता देंगे हकीकत

देश
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Jun 17, 2022 | 18:45 IST

Agnipath Scheme Protest: सेना में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान के राज्यों से 50 फीसदी से ज्यादा भर्तियां होती हैं। और यही कारण है कि इन राज्यों में उग्र प्रदर्शन देखा जा रहा है।

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अग्निपथ स्कीम का उत्तर भारत के राज्यों में ज्यादा विरोध  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • हरियाणा, राजस्थान, बिहार में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से दो से तीन गुना तक ज्यादा है।
  • कोविड-19 के कारण पिछले दो साल से सेना में भर्ती रैलियों में बड़ी गिरावट
  • रेलवे की ग्रुप-डी परीक्षा नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) के परिणाम के बाद भी बिहार-यूपी में छात्रों ने प्रदर्शन किया था।

Agnipath Scheme Protest: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 मई को जब सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम को लांच किया था। तो इसे सरकार के तरफ से बड़े रिफॉर्म के तौर पर पेश किया गया था। लेकिन बीते 2 दिनों से स्कीम को लेकर बिहार, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में युवा सड़क पर हैं। और कई जगहों पर उनका विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है। बिहार में रेलवे की कई बोगियों को आग के हवाले कर दिया गया है। इस बीच बढ़ते विरोध के बीच सरकार ने गुरुवार देर रात अग्निपथ स्कीम में उम्र की अधिकतम सीमा को पहले साल के लिए 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद उत्तर भारत के कई राज्यों में छात्रों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। 

ऐसे में सवाल उठता है अग्निपथ स्कीम को लेकर उत्तर भारत के राज्यों में ही विरोध प्रदर्शन क्यों ज्यादा हो रहा है। जबकि सेना की भर्ती में पूरे देश से नौजवान शामिल होते हैं। तो इसका जवाब सेना में राज्यों के आधार पर भर्ती पैटर्न पर छिपा है। क्योंकि अगर आंकड़ों को देखा जाय तो उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान के राज्यों से 50 फीसदी से ज्यादा भर्तियां होती हैं। और यही कारण है कि इन राज्यों में उग्र प्रदर्शन देखा जा रहा है।

राज्य                वायु सेना                नौ सेना सेना
  अधिकारियों की संख्या वायु सैनिकों की संख्या अधिकारियों की संख्या नौ सौनिकों की संख्या जेसीओ  और ओओर की संख्या
उत्तर प्रदेश 2114 35336 1434 12071 167557
बिहार 538 22259 515 6201 75026
राजस्थान 538 14521 360 8365 79481
पंजाब 637 1862 394 1457 89088
हिमाचल 307 2033 262 1906 46960
हरियाणा 1086 14877 727 6559 65987
महाराष्ट्र 802 2023 767 2511 87835

स्रोत: रक्षा मंत्रालय द्वारा राज्य सभा में दी गई जानकारी 

बेरोजगारी से भी है नाता

ऐसा नहीं है कि केवल सेना की भर्ती को लेकर इन राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसके लिए पहले रेलवे के ग्रुप-डी परीक्षा नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) के परिणाम आए थे। तो उम्मीदवारों के चयन के नियमों को लेकर भी बिहार और यूपी में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया था। साफ है कि सरकारी नौकरी की चाहत और बढ़ती बेरोजगारी की वजह से भी छात्रों के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो गई है। इस बीच कोविड-19 के कारण भर्तियों में देरी ने भी छात्रों के गुस्से को भड़का दिया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों से इन राज्यों में बढ़ती बेरोजगारी की तस्वीर साफ हो जाती है। मई 2020 में हरियाणा में बेरोजगारी दर 24.6 फीसदी, राजस्थान में 22.2 फीसदी, बिहार में 13.3 फीसदी  है। जो कि राष्ट्रीय औसत से दो से तीन गुना तक ज्यादा है। मई में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 7.12 फीसदी पर थी।

राज्य  बेरोजगारी दर (फीसदी में)
हरियाणा 24.6 
राजस्थान 22.2
बिहार 13.3
पंजाब 9.2
उत्तर प्रदेश 3.1

स्रोत: CMIE

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सेना में भर्ती भी धीमी

युवाओं के गुस्से की एक वजह सेना में भर्ती प्रक्रिया में देरी भी है। 21  मार्च 2022 को राज्य सभा में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया था कि कोविड-19 की वजह से देश में थल सेना भर्ती कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा की जाने वाली भर्तियां अगले आदेश के लिए स्थगति कर दी गई हैं। वहीं  2020-21 में भर्ती के लिए 97 रैली होनी थीं, लेकिन सिर्फ 47 हो पाईं। इसी तरह 2021-22 में 87 रैली प्लान हुई और सिर्फ 4 का आयोजन हो सका। और किसी में कॉमन एंट्रेंस एग्जाम नहीं हो सका। 


 

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