नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के 30 कार्यकर्ताओं को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। AIMIM के कार्यकर्ता निलंबित बीजेपी नेता नुपुर शर्मा और निष्कासित बीजेपी नेता नवीन जिंदल की पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी को लेकर संसद पुलिस स्टेशन में प्रदर्शन कर रहे थे। नई दिल्ली जिला पुलिस ने गुरुवार को प्रदर्शन के सिलसिले में AIMIM के 30 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक उन्हें न तो जंतर-मंतर पर और न ही थाने में धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी। अचानक ये लोग थाने पहुंचे और विरोध करने लगे। बाद में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 186, 188, 353, 332, 147, 149 और 34 के तहत FIR दर्ज की गई।
निलंबित बीजेपी नेता नुपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी पर मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर नफरत फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में दो एफआईआर दर्ज कीं- एक बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ और दूसरी एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद समेत 31 लोगों के खिलाफ।
नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर इतना व्यापक प्रदर्शन क्यों, देश संविधान से चलेगा या शरिया से?
यह तब हुआ जब निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिस पर अरब देशों समेत दुनिया भर के कई देशों ने आपत्ति जताई। पिछले कुछ दिनों में, मलेशिया, कुवैत और पाकिस्तान जैसे कई देशों ने बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा की गई हालिया टिप्पणियों की निंदा की है। नुपुर शर्मा ने टीवी डिबेट के दौरान टिप्पणी की, वहीं एक अन्य नेता नवीन जिंदल ने ट्विटर पर एक विवादास्पद टिप्पणी पोस्ट की। बीजेपी ने इस टिप्पणी को लेकर प्रवक्ता नुपुर शर्मा और मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया। पार्टी ने एक बयान जारी कर किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अनादर के लिए अपनी असहिष्णुता पर जोर दिया।
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