नई दिल्ली। अनुच्छेद 370( Article 370) के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में जनजीवन सामान्य है। जम्मू-कश्मीर सरकार का कहना है कि घाटी में 88 फीसद इलाकों में से पाबंदियों को हटा लिया गया है। लेकिन घाटी के नेता नजरबंदी में हैं। नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला( farook abdullah) नजरबंदी में हैं और अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उन्हें पब्लिक सेफ्टी एक्ट( Public safety act) के तहत बंद किया गया है। यहां यह जानना जरूरी है कि यह एक्ट क्या है। इससे पहले यह दिलचस्प है कि जम्मू-कश्मीर में पब्लिक सेफ्टी एक्ट को फारुक अब्दु्ल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला लाए थे।
पब्लिक सेफ्टी एक्ट
कहा जाता है कि इतिहास खुद को दोहराता है। अब्दुल्ला परिवार के बारे और खुद वो परिवार जम्मू-कश्मीर को जिगर का टुकड़ा मानता है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में हालात में जिस तरह से बदलाव होता रहा लोगों की धारणा बदलती रही। जानकारों का एक बड़ा वर्ग बताता है कि अब्दुल्ला परिवार की नीतियों से घाटी और दूसरे इलाकों में लोग उन्हें विलेन की तरह मानना शुरू कर दिए थे और उसका असर आपने कई दफा नेशनल कान्फ्रेंस की सरकार को बनते और बिगड़ते हुए देखा है। आज की ंमौजूदा तस्वीर में जिस तरह उनके बयान अनुच्छेद 370 को लेकर आए उसमें कई सवाल खड़े हुए कि वास्तव में यह परिवार किस तरह की राजनीति को आगे बढ़ाना चाहता है।
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