पुलवामा हमला: वो जख्‍म, जो कभी नहीं भरेगा, 12 दिन बाद भारत ने सिखाया था PAK आतंकियों को सबक

देश
श्वेता कुमारी
Updated Feb 14, 2021 | 06:00 IST

भारत आज पुलवामा हमले के शहीदों को याद कर रहा है। वो जख्म हमेशा सालता रहेगा, पर 12 दिनों बाद ही भारत ने पाकिस्तान और वहां रह रहे आतंकियों को जो सबक सिखाया, उसे वे शायद ही कभी भूल पाएंगे।

पुलवामा हमला: वो जख्‍म, जो कभी नहीं भरेगा, 12 दिन बाद भारत ने सिखाया था PAK आतंकियों को सबक
पुलवामा हमला: वो जख्‍म, जो कभी नहीं भरेगा, 12 दिन बाद भारत ने सिखाया था PAK आतंकियों को सबक  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

नई दिल्ली: देश पुलवामा हमले को शायद ही कभी भूल पाएगा, जब एक आतंकी हमले में भारत ने अपने 40 बहादुर जवानों को खो दिया। इस वारदात को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया था, जब बसों में बैठकर सीआरपीएफ के सैकड़ों जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। 14 फरवरी, 2019 को हुए उस आतंकी वारदात को आज दो साल हो गए हैं, जिसने आतंकवाद के मोर्चे पर पाकिस्तान को एक बार फिर बेनकाब करके रख दिया।

78 बसों में जा रहे थे सीआरपीएफ के जवान

इस जघन्य वारदात की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जैश के इशारे पर भले ही इस वारदात को अंजाम देने वाला आदिल अहमद डार एक कश्मीरी युवक था, लेकिन उसके तार पाकिस्तान और जैश से सीधे तौर पर जुड़े थे। वह आदिल अहमद डार ही था, जिसने विस्फोटकों से भरी कार सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस से टकरा दी थी। सीआरपीएफ जवानों को लेकर जा रहे काफिले में 78 बसें थीं, जिनमें करीब 2500 जवान सवार थे।

सीआरपीएफ जवानों को लेकर जा रही बसें एनएच-44 से गुजर रही थी, जब जैश आतंकी आदिल अहमद डार विस्फोटकों से भरी कार लेकर अचानक रास्ते में आ गया और उसने एक बस से अपनी कार टकरा दी। 22 साल के इस जैश आतंकी के बारे में बाद में जो जानकारी सामने आई, उसके मुताबिक, सुरक्षा बलों ने उसे पहले भी कई बार आतंकी वारदात के सिलसिले में हिरासत में लिया था, लेकिन हर बार वह बिना किसी आरोप के बरी हो गया। इस घटना में आदिल अहमद डार भी मारा गया।


(साभार: BCCL)

भारत ने 12 दिन बाद ही सिखाया था सबक

भारत में हुए इस आतंकी वारदात में एक बार फिर पाकिस्तान की भूमिका साफ थी। देश वीर सपूतों को खोने से गमजदा था, तो पाकिस्तान को लेकर लोगों में भारी आक्रोश भी था। तब वायुसेना ने इस मामले में बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के कई ठिकाने ध्वस्त कर दिए थे। भारतीय वायसेना ने पुलवामा हमले के ठीक 12 दिनों बाद 26 फरवरी को बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।

और सकते में रह गया था पाकिस्तान

हैरानी की बात यह है कि इस बारे में खुद पाकिस्तान की ओर से जानकारी सामने आई, जब बताया गया कि भारतीय विमान उसके हवाई क्षेत्र में दाखिल हुए और इसका पाकिस्तान की ओर से प्रतिरोध किया गया, जिसके बाद वे लौट गए। लेकिन कुछ ही देर बाद जो जानकारी सामने आई, उससे पाकिस्तान भी सकते में रह गया था। भारतीय लड़ाकू विमान देर ही अपनी कार्रवाई को अंजाम देकर अपने सीमा क्षेत्र में लौट चुके थे, जबकि पाकिस्तान को अपने रडार्स के जरिये भी ये जानकारी नहीं मिल पाई।

यह पाकिस्तान के साथ 1971 में हुए युद्ध के बाद पहली बार था, जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान पाकिस्तान की सीमा लांघकर उसके भीतर दाखिल हुए थे। इससे पहले 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भी भारतीय वायुसेना के विमानों की मदद ली गई थी, लेकिन तब उनकी कार्रवाई का दायरा पाकिस्तान के साथ लगने वाली नियंत्रण रेखा के भीतर ही थी। भारत ने इस कार्रवाई के जरिये पाकिस्तान और वहां बैठे आतंकियों को सबक दे दिया कि उनकी नापाक हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और भारत इसी तरह प्रतिकार करता रहेगा।

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