पुलवामा आतंकी हमले में NIA की चार्जशीट से हुए कई खुलासे, पढ़ें 10 बड़ी बातें

देश
लव रघुवंशी
Updated Aug 25, 2020 | 21:04 IST

Pulwama terror attack: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पुलवामा आतंकवादी हमले के मामले में जम्मू के एक विशेष अदालत में चार्जशीट दायर कर दी है। इसमें एजेंसी ने कई नए खुलासे किए हैं।

Pulwama terror attack
14 फरवरी 2019 को हुआ था पुलवामा आतंकी हमला 
मुख्य बातें
  • NIA ने पुलवामा आतंकवादी हमले के मामले में आरोप पत्र दायर किया
  • एनआईए ने चार्जशीट में जैश प्रमुख मसूद अजहर को बनाया आरोपी
  • हमले में इस्तेमाल किए गए आईडी को फारूक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर इकट्ठा किया था

नई दिल्ली: 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को जम्मू की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। चार्जशीट 5,000 पन्नों की है। अगर डिजिटल साक्ष्यों को भी जोड़ दें तो यह 15,000 से अधिक पेजों की हो जाएगी। एनआईए ने इस हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को मुख्य आरोपी बनाया है। सुनवाई की अगली तारीख 1 सितंबर है।

NIA की इस चार्जशीट से पुलवामा हमले को लेकर कई नई बातें सामने आई हैं। यहां पढ़ें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें:

  1. एनआईए ने मसूद अजहर समेत 19 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। इनमें से 7 एजेंसी की हिरासत में हैं, 7 सुरक्षा बलों के साथ विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, 5 फरार हैं, जिसमें से 3 पाकिस्तान में हैं और 2 भारत में माने जाते हैं।
  2. आरोप पत्र में मसूद अजहर के दो संबंधियों अब्दुल रऊफ और अम्मार अल्वी के नाम मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में दर्ज हैं। मोहम्मद उमर फारूक, जो कि पाकिस्तानी था, अप्रैल 2018 में पाकिस्तान से हमले के मास्टरमाइंड के रूप में भारत में आया था। वह कश्मीरी लड़के आदिल अहमद डार को प्रेरित करता है, जो पुलवामा में फिदायीन बन गया। डार विस्फोटक से लदी वह कार चला रहा था।
  3. आरोप पत्र में कहा गया है कि पहले वह कार बशीर चला रहा था। बाद में उसने कार डार को दे दी, जिसने उसे सीआरपीएफ के काफिले में घुसा दिया।
  4. कार का अंतिम मालिक अनंतनाग जिले के बिजबेहरा का रहना वाला सज्जाद भट्ट 14 फरवरी को हमले से कुछ घंटे पहले भागकर जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया था। वह पिछले साल जून में हुई एक मुठभेड़ में मारा गया था।
  5. शक्तिशाली बैटरियों, फोन और केमिकल खरीदने के लिए साजिशकर्ताओं द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल किया गया।
  6. बम बनाने का काम शाकिर बशीर और इंशा जहान के आवास पर हुआ, जो एनआईए की गिरफ्त में है।
  7. जांच एजेंसी का कहना है कि 6 फरवरी 2019 को विस्फोटक उपकरण तैयार हो गए थे, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण, जिस हाईवे पर सुरक्षा बल का काफिला गुजरना था वो बंद हो रहे थे। बाद में 14 फरवरी को वह फिर से खुला और उसी दिन विस्फोट हुआ।
  8. एनआईए के अनुसार एक और आतंकी हमले की योजना थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारतीय वायु सेना द्वारा बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद इसे अंजाम नहीं दिया गया।
  9. जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा मुठभेड़ स्थल से फोन की बरामदगी के तुरंत बाद जैश की साजिश सामने आई। फोन की बरामदगी इस मामले में एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट बनी, जिससे सबूतों का ढेर लग गया। एनआईए ने फोन को फोरेंसिक टीम के पास भेजा, जिससे आतंकी हमले में जैश की भागीदारी को साबित करने के लिए कई तस्वीरें, व्हाट्सएप चैट और मोबाइल वीडियो सामने आए।
  10. जेईएम के प्रवक्ता मोहम्मद हसन के उस वीडियो को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया, जिसमें वह दावा करता है कि हमले के लिए उसका संगठन जिम्मेदार है। इसका आईपीएस एड्रेस खंगालने पर पता चला कि वह कंप्यूटर पाकिस्तान में हैं।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर