नई दिल्ली : कांग्रेस के अंदर चल रहे असंतोष को समाप्त करने के लिए शनिवार को सोनिया गांधी के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई और बैठक के बाद जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक राहुल गांधी एक बार फिर से कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपनी वापसी कर सकते हैं। बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं से एक परिवार के रूप में काम करने की अपील की। वहीं असंतुष्ट नेताओं के करीबी सूत्रों की मानें तो विवाद का कोई ठोस हल नहीं निकला है और आने वाले दिनों में और बैठकें आयोजित की जाएंगी।
कई नेता रहे बैठक में मौजूद
एक लंबे समय के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक बैठक बुलाई थी जिसमें असंतुष्ट गुट के सात नेता भी शामिल हुए। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी सहित बैठक में कुल 19 नेता मौजूद रहे। सोनिया गांधी ने कहा, 'हम सभी एक परिवार की तरह हैं और सभी को मिलकर पार्टी को मजबूत करना है।' असंतुष्ट नेताओं ने भी इस दौरान अपना पक्ष रखा। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया ने इन नेताओं से कहा कि वह उनकी चिंताओं को दूर करेंगी।
राहुल ने दिए वापसी के संकेत
पार्टी के एक शीर्ष सूत्र के मुताबिक, राहुल ने बैठक में कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, वह उसे पूरा करेंगे। हालांकि, जब नेताओं ने उन्हें अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा, तो राहुल ने यह कहकर जवाब देते हुए कहा कि बेहतर यह होगा कि इस समय चुनावी प्रक्रिया पर इस मुद्दे को छोड़ देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा कि राहुल को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए जिसका समर्थन अन्य नेताओं ने भी किया। वहीं विवेक तन्खा ने कहा कि उन्हें राहुल के नेतृत्व में विश्वास है।
एएनआई के मुताबिक, राहुल ने कहा कि वह सभी वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते हैं क्योंकि उनमें से कई उनके पिता के दोस्त थे और वे पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बैठक में मौजूद असंतुष्ट नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व पर भरोसा जताया और कहा कि उन्हें पार्टी नेतृत्व की क्षमता और सभी को साथ लेकर चलने की वैचारिक प्रतिबद्धता में विश्वास है।
चिंतन शिविर आयोजित करेगी कांग्रेस
हालांकि, असंतुष्ट नेताओं के करीबी सूत्रों ने दावा किया कि यह बैठक उनकी वजह से हुई और विवाद को सुलझाने के लिए आगे की बैठकें होंगी। सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने कहा कि हम जल्द ही बीजेपी को हराने की रणनीति बनाने के लिए एक 'चिंतन शिविर' आयोजित करेंगे और जनता को मोदी सरकार की विफलताओं के बारे में बताएंगे। लगभग पांच घंटे तक चली बैठक के अंत के बाद मीडिया से बात करते हुए, पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि पहली बैठक पार्टी का भविष्य तय करने के लिए आयोजित की गई थी, इस तरह की और भी बैठकें होंगी और पंचगनी या शिमला में पार्टी का चिंतन शिविर आयोजित किया जाएगा। पवन बंसल ने बताया कि सभी नेताओं ने कहा कि पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व की जरूरत है। संगठन के महासचिव के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला भी बैठक में मौजूद नहीं थे
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