नई दिल्ली। सियासत में सही समय पर जो चौका छक्का मारे वही राजनीति के रिंग का मास्टर है। लेकिन हर बार सियासी पिच पर बयानों की गुगली विरोधी पक्ष को आउट कर दे या विरोधी पक्ष चौका छक्का ही मारता रहे यह भी संभव नहीं है। देश की सियासी तस्वीर में कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे के आमने सामने हैं। बीजेपी अगर किसी विषय को जायज करार देती है तो स्वाभाविक है कि कांग्रेस उसे नकार दे। अब इसी रास्ते पर राहुल गांधी चलते तो हैं। लेकिन अब इसे उनकी सियासी नासमझी कहें या सामने वाला शब्दों का जादुगर है कि राहुल के आरोपों को हथियार बनाकर हमला करता है।
अर्थव्यस्था से डंडे तक गई बात
राहुल गांधी ने बुधवार को एक ट्वीट किया जिसमें कहा कि दिशाहीन वित्त मंत्री ने व्यर्थ बजट पेश किया था और वो पीएम मोदी से अपील करते हैं कि उन्हें बर्खास्त कर दें और सभी तरह की समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी को दरअसल दोष मढ़ने की आदत पड़ चुकी है। अब दिशाहीन और व्यर्थ बजट पर वो जरूर कुछ बोलेंगे किसी पर दोष मढ़ेंगे तो बेहतर है कि वित्त मंत्री को बर्खास्त कर दें।
इस ट्वीट के कुछ घंटे के बाद उन्होंने बेरोजगारी को हवाला देते हुए कहा कि 6 महीने के बाद देश के युवा पीएम मोदी को डंडे मारेंगे। दरअसल इस वाक्य का जिक्र राहुल गांधी रोजगारी के संबंध में कर रहे थे। लेकिन शायद उनके जेहन में नहीं रहा होगा कि गुरुवार को संसद में पीएम को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देना है।पीएम मोदी करीब 12 बजे लोकसभा में अभिभाषण प्रस्ताव पर बोलना शुरू किए और राहुल गांधी के एक एक आरोपों का जवाब देते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया।
'कांग्रेस का साया उसकी परेशानी की बड़ी वजह'
राहुल गांधी जब मौजूदा सरकार की तानाशाही की बात करते हैं तो उन्हें याद दिलाया जाता है कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान क्या किया था। जो लोग आज कांग्रेस के साथ खड़े हैं उनके साथ क्या हुआ था। दरअसल कांग्रेस को खुद के साए से आजादी नहीं मिल पा रही है और यही वजह है कि हमालवर होते हुए भी राहुल गांधी के बयान बैकफायर कर जाते हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।