नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले 51 दिन से डटे हुए हैं। किसानों की सिर्फ एक ही मांग है कि सरकार कानूनों को वापस ले। इस संबंध में विज्ञान भवन में 9वें दौर की बातचीत जारी है, इसके साथ ही इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यों वाली समिति बनाई है। लेकिन एक सदस्य बी एस मान ने इस्तीफा दे दिया है। इन सबके बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी की अगुवाई में दिल्ली में राजभवन का घेराव किया गया और उस दौरान राहुल गांधी की टिप्पणी दिलचस्प थी।
माया टूटने वाली है
राहुल गांधी ने किसानों के साथ वार्ता के लिए SC द्वारा नामित 4 विशेषज्ञों में से एक के इस्तीफे के बारे में माया शब्द सुना है आपने ? पूरा का पूरा मीडिया ने इस माया को गढ़ा है। लेकिन यह माया टूटने वाली है। जिस दिन यह माया टूटी देखना फिर क्या होगा। उन्होंने कहा कि इसमें दो मत नहीं कि मौजूदा सरकार अहम में चूर है, इतिहास गवाह है कि अहम का पराभव होता ही है। समय आने दीजिए तिलिस्म जरूर टूटेगा।
झूठ बोल रही है सरकार
राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 51 दिन से किसान सड़कों पर हैं। लेकिन सरकार की तरफ से एक ही जवाब आ रहा है कि वो कानून वापस नहीं लेगी। सरकार संशोधन के लिए तैयार है, यह बात अलग है कि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं। यह अपने आपमें बड़ा सवाल है कि इतनी हठधर्मिता क्यों है। सरकार कुछ किसान संगठनों के समर्थन का दावा कर यह बताने की कोशिश कर रही है कि पूरे देश का किसान उसके साथ हैं। लेकिन हकीकत वो नहीं जिसका सरकार दावा कर रही है।
निर्णायक बातचीत की उम्मीद कम
विज्ञान भवन में वार्ता के लिए पहुंचने से पहले किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि उन्हें 9वें दौर की वार्ता से भी कुछ खास उम्मीद नहीं है। दरअसल सरकार हठ पर अड़ी हुई है। वार्ता में शामिल होने के पीछे उन लोगों का मकसद है कि यह संदेश न जाए कि किसान आगे बढ़ना नहीं चाहते हैं। उनकी मांग पहले की तरह स्पष्ट है कि कानून वापस हो और एमएसपी को वैधानिक दर्जा मिले।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।