नई दिल्ली: देश में कोरोना संकट की मार से देश की जनता बेहाल है वहीं सरकार इससे निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं, इस बीच कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) से लोगों को इस घातक बीमारी से निपटने में मदद की उम्मीद नजर आ रही है और केंद्र सरकार का भी प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए, राज्य भी इस दिशा में उचित कदम उठा रहे हैं, इस बीच वैक्सीन पर जीएसटी (GST on Vaccine) को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पीएम मोदी पर अटैक किया है।
गौर हो को कि कोरोना वैक्सीन की कीमतों के बाद अब उस पर लगने वाले टैक्स को लेकर सवाल उठ रहे हैं और अभी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर वैक्सीन की खरीद पर लगने वाले जीएसटी को माफ करने की डिमांड की थी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी वैक्सीन पर टैक्स वसूलने पर प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला किया है, राहुल ने इसको लेकर ट्वीट किया है जिसमें कोविड वैक्सीन पर लगने वाले GST को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसा है-
गौर हो इससे पहले भी राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार के पास कोविड के खिलाफ टीकाकरण को लेकर कोई स्पष्ट रणनीति नहीं हैं और सरकार ने उसी समय इस महामारी पर विजय की घोषणा कर दी जब यह वायरस फैल रहा था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की विफलता के कारण आज राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन अपरिहार्य लगता है।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर यह आरोप भी लगाया कि सरकार की 'विफलता' के कारण देश एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर के लॉकडाउन के मुहाने पर खड़ा हो गया है और ऐसे में गरीबों को तत्काल आर्थिक मदद दी जाए ताकि उन्हें पिछले साल की तरह पीड़ा से नहीं गुजरना पड़े। पत्र में राहुल गांधी ने कहा, 'मैं आपको एक बार फिर पत्र लिखने के लिए विवश हुआ हूं क्योंकि हमारा देश कोविड सुनामी की गिरफ्त में बना हुआ है। इस तरह के अप्रत्याशित संकट में भारत के लोग आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होने चाहिए। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप देश के लोगों को इस पीड़ा से बचाने के लिए जो भी संभव हो, वह करिए।'
उन्होंने कहा, 'दुनिया के हर छह लोगों में से एक व्यक्ति भारतीय है। इस महामारी से अब यही पता चला है कि हमारा आकार, आनुवांशिक विविधता और जटिलता से भारत में इस वायरस के लिए बहुत ही अनुकूल माहौल मिलता है कि वह अपने स्वरूप बदले तथा अधिक खतरनाक स्वरूप में सामने आए। मुझे डर इस बात का है कि जिस 'डबल म्यूटेंट' और 'ट्रिपल म्यूटेंट' को हम देख रहे हैं, वह शुरुआत भर हो सकती है।'
उनके मुताबिक, इस वायरस का अनियंत्रित ढंग से प्रसारित होना न सिर्फ हमारे देश के लोगों के लिए घातक होगा, बल्कि शेष दुनिया के लिए भी होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया, 'इस वायरस एवं इसके विभिन्न स्वरूपों के बारे में वैज्ञानिक तरीके से पता लगाया जाए। सभी नए म्यूटेशन के खिलाफ टीकों के असर का आकलन किया जाए। सभी लोगों को तेजी से टीका लगाया जाए। पारदर्शी रहा जाए और शेष दुनिया को हमारे निष्कर्षों के बारे में अवगत कराया जाए।'
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