20 लीटर ऊंट का दूध लेकर राजस्थान से मुंबई पहुंची ट्रेन, 3.5 साल के बच्चे के लिए मां ने मांगी थी मदद

देश
किशोर जोशी
Updated Apr 13, 2020 | 15:01 IST

मुंबई की एक महिला ने ट्विटर पर अपने साढ़े तीन साल के ऑटिस्टिक पीड़ित बच्चे के लिए राजस्थान से ऊंट का दूध मंगवाने की गुहार लगाई। एक आईपीएस ऑफिसर ने इसके लिए ऐसा काम किया जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है।

Railways transports 20 litres camel milk from Rajasthan to Mumbai for special child
बच्ची के लिए 20 लीटर दूध लेकर राजस्थान से मुंबई पहुंची ट्रेन 
मुख्य बातें
  • मुंबई की महिला ने ट्वीट कर बच्चे के लिए मांगी थी मदद
  • महिला का ट्वीट हुआ था वायरल, आईपीएस अधिकारी बोथरा ने लिया संज्ञान
  • रेलवे की मदद से 20 लीटर ऊंट का दूध राजस्थान से पहुंचाया गया मुंबई

श्रीगंगानगर: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में 21 दिनों को देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। ऐसे समय में जब ट्रेन, विमान और परिवहन सेवाएं बंद हैं तो इस वजह से कई लोगों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है, विशेषकर रोगग्रस्त लोगों के लिए। लेकिन संकट की इस घड़ी में कुछ लोग ऐसे हैं जो लगातार दूसरों की मदद कर रहे हैं और लोगों के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आए हैं। ऐसा ही एक मामला मुंबई से आय़ा है।

महिला ने ट्वीट कर मांगी थी मदद

हाल ही में एक महिला ने अपने साढ़े तीन साढ़ के ऑटिस्टिक बच्चे के लिए ट्वीट के जरिए पीएम मोदी से मदद मांगी। ऑटिस्टिक से पीड़ित उसके बच्चे को जीवित रहने के लिए दालों और ऊंटनी के दूध की आवश्यकता थी। महिला का कहना था कि उसका बच्चा ऊंट का दूध पीकर ही जीवित है और बाकी सारे खाने से उसे एलर्जी है। महिला ने गुहार लगाते हुए कहा कि सादड़ी (राजस्थान) से ऊंट का दूध या इसका पाउडर मंगवाने में मेरी मदद करें। यह ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी चर्चित रहा और आईपीएस अधिकारी बोथरा की नजर भी इस पर पड़ी।

बेहतर तालमेल के जरिए हो सका संभव

 उत्तर-पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ अभय शर्मा ने बताया, 'मुंबई की एक महिला ने ट्विटर पर प्रधान मंत्री से अपील की कि उसका बच्चा ऑटिस्टिक है और ऊंटनी के दूध और दालों पर ही जीवित रहता है। इस अपील को ओडिशा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बोथरा ने देखा। उसने इसे अपने नेटवर्क के जरिए कोशिश करनी शुरू कर दी। इसके बात यह मामला उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य यात्री परिवहन प्रबंधक तरुण जैन के संज्ञान में आया।' जैन ने संबंधित अधिकारियों के साथ तालमेल बनाया और  यह देखा कि ऊंटनी के दूध को मुंबई कैसे पहुंचाया जा सकता है।

ट्रेन के जरिए पहुंचाया गया  शर्मा ने बताया, 'बांद्रा-लुधियाना पार्सल सेवा कुछ समय पहले शुरू हुई थी। यह देखा गया था कि अगर फालना स्टेशन पर ट्रेन रुकती है, तो दूध, पाउडर लोड किया जा सकता है।' बोथरा ने महसूस किया कि दूध आपूर्तिकर्ता अल्प सूचना पर फालना के अलावा किसी अन्य स्थान पर इसकी आपूर्ति नहीं कर सकते। शर्मा ने बताया, 'इसलिए, रेलवे अधिकारियों ने इस संबंध में एक निर्णय लिया। आखिर में, 20 लीटर ऊंट का दूध और दूध पाउडर की आपूर्ति की गई और मुंबई में उक्त महिला को दिया गया। यह एक बेहतर तालमेल के जरिए संभव हो सका।'

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