Rajasthan cabinet reshuffle: 'एक नेता, एक पद' के फॉर्मूले पर चलेगी कांग्रेस, मंत्रिमंडल विस्‍तार में सचिन पायलट के खेमे को मिलेगी जगह?

देश
श्वेता कुमारी
Updated Nov 12, 2021 | 07:50 IST

Rajasthan cabinet reshuffle: राजस्‍थान मंत्रिमंडल में फेरबदल होना है, जिसके लिए मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की भी दिल्‍ली में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं से मुलाकात हुई है। बताया जा रहा है कि पार्टी यहां मंत्रिमंडल विस्‍तार में 'एक नेता, एक पद' की नीति अपनाएगी।

राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सचिन पायलट (फाइल फोटो)
राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सचिन पायलट (फाइल फोटो)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • राजस्‍थान में मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई वाली सरकार में मंत्रिमंडल विस्‍तार होना है
  • इससे पहले सीएम अशोक गहलोत के साथ-साथ सचिन पायलट ने भी दिल्‍ली का दौरा किया है
  • राजस्‍थान में 2023 में होने  वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से इसे बेहद अहम समझा जा रहा है

जयपुर/नई दिल्‍ली : राजस्‍थान में मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई वाली सरकार में मंत्रिमंडल विस्‍तार होना है, जिसके लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में मंथन जारी है। सीएम गहलोत ने गुरुवार को इस संबंध में दिल्‍ली में पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी और कहा था कि उन्‍होंने इस संबंध में फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है। गहलोत की इस संबंध में प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अजयन माकन के साथ भी गहन चर्चा हुई है। इस बीच खबर आ रही है कि राजस्‍थान में कांग्रेस 'एक नेता, एक पद' के फॉर्मूले पर मंत्रिमंडल विस्‍तार करेगी, जिसमें फिलहाल यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि सचिन पायलट के समर्थकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा या नहीं, जिन्‍होंने गहलोत से सियासी विवाद के बीच बीते साल उपमुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया था।

मंत्रिमंडल में 9 पद हैं रिक्‍त

राजस्‍थान मंत्रिमडल में इस वक्‍त 9 पद खाली हैं, जबकि तीन अन्‍य वरिष्‍ठ नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर भी रखे जाने की चर्चा है, जिन्‍हें पार्टी में पहले ही अहम जिम्‍मेदारियां दी गई हैं। कांग्रेस के एक वरिष्‍ठ नेता के मुताबिक, इन तीनों ने नेतृत्‍व से पार्टी के लिए काम करने की इच्‍छा जाहिर की है और अगर ये मंत्रिमंडल विस्‍तार से पहले मंत्री पद से इस्‍तीफा देते हैं तो राज्‍य मंत्रिमंडल में रिक्‍त पदों की संख्‍या 12 हो जाएगी। कांग्रेस के सामने अहम चुनौती उन निर्दलीय विधायकों को 'संतुष्‍ट' करने की है, जिनका समर्थन उसे सरकार चलाने में हासिल है। सूत्रों के अनुसार, निर्दलीय विधायकों में से 'कुछ' को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

वहीं, राजस्‍थान में जिन तीन वरिष्‍ठ नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर रखने की चर्चा है, उनमें राजस्‍थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्‍यक्ष गोविंद डोटासरा, पंजाब के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के प्रभारी हरीश चौधरी और गुजरात के लिए AICC के प्रभारी रघु शर्मा के नाम बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन नेताओं को पार्टी ने पहले ही संगठन में अहम जिम्‍मेदारियां दी हुई है, जिसे देखते हुए 'एक नेता, एक पद' के फॉर्मूले के आधार पर इन्‍हें मंत्रिमंडल से बाहर रखा जा सकता है। वहीं, सूत्रों का यह भी कहना है कि इन नेताओं ने खुद भी पार्टी के लिए काम करने की इच्‍छा जाहिर की है और ऐसे में मंत्रिमंडल विस्‍तार से पहले वे इस्‍तीफा दे सकते हैं।

गहलोत, पायलट की कांग्रेस नेताओं से मुलाकात

यहां गौर हो कि राजस्‍थान में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होना है और इस लिहाज से मंत्रिमंडल विस्‍तार को बेहद अहम समझा जा रहा है। राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में बुधवार को दिल्‍ली में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ लंबी बैठक की थी, जिसमें मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ-साथ अन्‍य राजनीतिक नियुक्तियों, राज्य की राजनीतिक स्थिति और 2023 के विधानसभा चुनाव के रोडमैपर पर भी चर्चा हुई।

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं के साथ गहलोत की मुलाकात इसलिए भी अहम है, क्‍योंकि इससे ठीक पहले राज्‍य में उनके प्रतिद्वंद्वी समझे जाने वाले व पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सचिन पायलट की भी बुधवार को केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में पायलट ने पार्टी नेतृत्‍व के समक्ष साफ कर दिया है कि राज्‍य में कांग्रेस की सरकार बनाने वाले कार्यकर्ताओं को सरकार में भागीदारी मिलनी चाहिए और यह काम जल्द होना चाहिए। वहीं, गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की और कहा कि उन्‍होंने अपनी बात पार्टी नेतृत्‍व के सामने रख दी है और मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है।

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