Rajasthan Cabinet Reshuffle: नारेबाजी के बीच गहलोत कैबिनेट का शपथ ग्रहण हुआ पूरा, जानिए हर नए मंत्री का पुराना रिकॉर्ड

देश
किशोर जोशी
Updated Nov 21, 2021 | 16:54 IST

Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल का शपथग्रहण समारोह पूरा हो चुका हैं। नए मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है। इसके अलावा पायलट गुट के नेताओं को भी जगह मिली है।

Rajasthan Cabinet Reshuffle Updates 15 New Ministers Takes Oath After expansion
जानिए कैसा है गहलोत के नए मंत्रियों का पुराना रिकॉर्ड 
मुख्य बातें
  • राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल का शपथग्रहण समारोह हुआ पूरा
  • नए मंत्रिमंडल में रखा गया है जातिगण समीकरणों का पूरा ध्यान
  • नए मंत्रियों में पायलट गुट के नेताओं को भी मिली है जगह

जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का शपथग्रहण पूरा हो चुका है। सबसे पहले वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने शपथ ली। राजभवन में आयोजित एक समारोह के दौरान नए मंत्रियों के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की। कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले हेमाराम चौधरी गुड़ामालानी से विधायक हैं। पायलट गुट के माने जाने वाले चौधरी 43 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। 

महेंद्रजीत मालवीय: दूसरे नंबर पर महेंद्रजीत मालवीय गहलोत गुट के हैं और आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ट्राइबल बेल्स में महेंद्रजीत का अच्छा होल्ड है। यहां कई जंगली इलाकों में रहते हैं। बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत का 2020 में एक वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा था।

रामलाल जाट 2009 में विवादों में आए थे। चार बार से कांग्रेस विधायक हैं 2009 में खुदकुशी मामले में कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। जाट चेहरे के रूप में देखा जाता है। गहलोत गुट के माने जाने वाले रामलाल जाट डेयरी संघों के अंदर गहरी पैठ रखते हैं।

महेश जोशी हवामहल से विधायक हैं और सरकार में मुख्य सचेतक की भूमिका निभा रहे हैं। सीएम गहलोत का करीबी माना जाता है। प्रदेश कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष भी रहे हैं। बहुत सहज और सौम्य स्वभाव के माने जाते हैं तथा आम जनता में उनकी लोकप्रियता है।

विश्वेंद्र सिंह पहले भी कैबिनेट मंत्री रहे हैं। 2004 से 2009 तक भरतपुर से कांग्रेस सांसद भी रह चुके हैं डीग कुम्हेर से विधायक विश्वेंद्र सिंह राज परिवार से आते हैं। पायलट गुट में आने के कारण उन्हें पहले बर्खास्त किया गया था। जाट चेहरे के रूप में भी जाना जाता है और जाट राजघराने से आते हैं।
रमेश मीणा 1993 से राजनीति में हैं और तीन बार विधायक रह चुके हैं। सापटोरा से विधायक मीणा पहले भी मंत्री रह चुके हैं। पायलट गुट के मीणा सरकार पर खुलकर आरोप भी लगा चुके हैं। एसटी समाज में उनका अच्छा दखल माना जाता है।

ममता भूपेश महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव रह चुकी हैं। 2008 में पहली बार विधायक बनीं। दौसा जिले की सिकराय सीट से विधायक ममता भूपेश प्रदेश कांग्रेस की सचिव भी रह चुकी हैं। ममता भूपेश पहले राज्यमंत्री थी तो उन्हें अब कैबिनेट में प्रमोट किया गया है और एससी का चेहरा भी हैं। गहलोत गुट की माने जाने वाली ममता को अच्छे काम का इनाम मिला है।

भजनलाल जाटव वैर भूसावर सीट से विधायक हैं। अशोक गहलोत के भरोसेमंद नेताओं में शामिल भजनलाल जाटव गहलोत सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं और अब उन्हें प्रमोट किया गया है। एससी चेहरे के रूप में मंत्रिमंडल के रूप में शामिल किए गए हैं।

टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण सीट से विधायक हैं। जूली पर भ्रष्टाचार के आरोप लगए हैं और गहलोत के भरोसेमंद माने जाते हैं। जूली पर उन्हीं की पार्टी के विधायक जौहर सिंह मीणा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। जूली को प्रमोट किया गया है। 

गोविंदराम मेघवाल खाजूवाला से विधायक हैं। बीकानेर से आते हैं। 2021 में एक युवक के साथ गाली गलौच करने के बाद विवाद में भी आए थे।  एससी चेहरा हैं और दो बार विधायक रह चुके हैं। मेघवाल चेहरे के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं।

शकुंतला रावत बानसूर सीट से विधायक हैं और गहलोट खेमे से ताल्लुक रखती हैं। आरपीसीसी की स्थायी आमंत्रित सदस्य हैं। शकुंतला रावत गुर्जर समुदाय से हैं, महिला चेहरे के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किया है। सीएम गहलोत की विश्वसनीय चेहरे के रूप में जानी जाती हैं।

बृजेंद्र सिंह ओला ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है। झुंझुनूं विधानसभा से विधायक हैं और पायलट गुट के माने जाते हैं। शेखावटी क्षेत्र का बड़ा जाट चेहरा माने जाते हैं। शपथ से पहले इन्होंने पायलट से लंबी बातचीत की थी। उनका जाट समुदाय में अच्छा प्रभाव देखा जाता है।

मुरारी लाल मीणा ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। तीन बार कांग्रेस के विधायक हैं। पायलट खेमे से ताल्लुक रखते हैं और पहले भी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मुरारीलाल मीणा पहली बार बांदीकुई से बसपा से विधायक बने थे. दूसरी बार दौसा से बसपा से विधायक बने थे। इस दौरान कांग्रेस में विलय कर लिया था।

राजेंद्र गुढ़ा ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र गुढ़ा राज्यमंत्री रह चुके हैं और दबंग चेहेरे के रूप में जाना जाता है। ये बसपा के प्रभावशाली चेहरा रह चुके हैं और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। 

जाहिदा खान महिला और अल्पसंख्यक होने के कारण मंत्री बनाया हैं जो यूपी के बॉर्डर एरिया मेवात इलाके से आती हैं। मुस्लिम चेहरे के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल हुई हैं। दिल्ली में होने वाली राजनीतिक मीटिंगों में सर्वाधिक भीड़ मेवात क्षेत्र से ही जाती है।

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