राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने शनिवार को एक आदेश जारी कर राज्य में एनएबीएल मान्यता प्राप्त एवं आईसीएमआर से कोविड 19 जांच के लिए अनुमोदित निजी जांच प्रयोगशालाओं में कोविड-19 की आरटी-पीसीआर जांच की अधिकतम दर 350 रुपये प्रति जांच निर्धारित की है।
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कोविड-19 महामारी की बढ़ती गति से दो कदम आगे बढ़कर संक्रमण को रोकने तथा समुचित इलाज की पुख्ता तैयारी सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन हर जिले में कोरोना प्रबंधन के लिए अधिकाधिक संसाधन जुटाएं। किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं रहे हमारे लिए हर व्यक्ति की जान कीमती है।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ विभिन्न जिलों में कोविड मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन तथा मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता पर विस्तार से चर्चा की, चिकित्सकों द्वारा इन जीवन रक्षक दवाओं का तार्किक और आवश्यकता के अनुरूप उपयोग सुनिश्चित करने के लिए रेमडेसिविर और ऑक्सीजन सिलेण्डर के विशेष प्रोटोकॉल जारी करने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि महामारी के समय में इस तरह की लापरवाही से न केवल संक्रमण बढ़ता है बल्कि यह स्थिति किसी के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। गहलोत राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए राज्य के सभी जिलों में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए मानचित्र पर रूटचार्ट बनाने के निर्देश दिए। वहीं सीएम गहलोत ने कुछ स्थानों पर आरटी-पीसीआर जांचों की रिपोर्ट में हो रही देरी को गंभीरता से लिया, उन्होंने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराने तथा अनियमितता करने वाली प्रयोगशालाओं एवं कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
सीएम गहलोत ने जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कालेजों पर बिना लक्षण वाले तथा कम गंभीर कोरोना मरीजों का दबाव घटाने के लिए कोविड केयर सेंटर तथा संस्थागत पृथकवास सुविधाएं स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों पर मरीजों के लिए भोजन की व्यवस्था इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से की जाएगी।
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