Rajasthan: रेस्टोरेंट से लेकर इलेक्ट्रिक दुकानों तक, जानें राजस्थान में अब क्या-क्या खुल सकता है

Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन में बड़ी छूट देते हुए रेस्टोरेंट समेत कई गैर-जरूरी चीजों की दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है। यहां जानें क्या-क्या खुल सकता है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर 

नई दिल्ली: राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन में रियायत देते हुए कई प्रकार की दुकानों और व्यापार को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। रेस्टोरेंट, भोजनालय समेत कई चीजों की दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है। रेस्तरां, भोजनालय, मिठाई की दुकानें खुलेगीं, लेकिन सिर्फ होम डिलीवरी और वहां से ले जाने की अनुमति होगी। हाईवे पर सभी ढाबे खोले जा सकेंगे। 

इसके अलावा हार्डवेयर, भवन निर्माण सामग्री, एसी, कूलर, टीवी, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक मरम्मत की दुकानें और ऑटोमोबाइल बिक्री की दुकानें खुल सकती हैं।

हालांकि आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानदारों को सुरक्षा संबंधी जारी सभी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा, मास्क पहनना अनिवार्य होगा और उस ग्राहक को सामान नहीं देना, जिसने मास्क न पहना हो। साथ ही लगातार सैनेटाइज भी करते रहना होगा। 

राज्य के भीतर आवागमन के लिए पास की जरूरत नहीं
इससे पहले राज्य सरकार ने राज्य के भीतर ही आवागमन को सुगम बनाते हुए पास की अनिवार्यता को रद्द कर दिया। नई व्यवस्था में अंतर जिला एंव जिले के अंदर जिन गतिविधियों की अनमुति है उनके संबंध में आवागमन के लिए किसी पास की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन यह छूट सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही होगी और कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में यह छूट नहीं मिलेगी। इसके अलावा दूसरे राज्यों में बस एवं ट्रेन से यात्रा के लिए जिला कलक्टर पास जारी कर सकेंगे। वहीं कर्फ्यू वाले इलाकों के लिए केवल जिला कलक्टर ही पास जारी कर सकेंगे। अन्य प्रदेशों से राजस्थान आने वालों के लिए संबंधित राज्य द्वारा जारी पास मान्य होगा। 

कोरोना के कुल 4328 केस
राज्यभर में 22 मार्च से लॉकडाउन है और अनेक थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है। इस बीच राज्य में कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या 4328 हो गई है। राज्य में मरने वालों की संख्या 121 है। केवल जयपुर में ही कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 62 हो गया है जबकि जोधपुर में 17 और कोटा में 10 रोगियों की मौत हो चुकी है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में रोगी किसी न किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे। 

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