नई दिल्ली: राजस्थान के बूंदी जिले के सांगवाड़ा गांव में सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच घोड़े पर एक दलित दूल्हे की बारात निकाली गई। ऐसी आशंकाएं थीं कि गांव के ऊंची जाति के लोग बारात का विरोध कर सकते हैं। 'हिंदुस्तान टाइम्स' के अनुसार, बूंदी जिले के जावरा गांव में सरकारी स्कूल में शिक्षक दूल्हा परशुराम मेघवाल (25) की बारां जिले के अंता क्षेत्र में शादी होनी थी, जिसके लिए सोमवार को बारात ले जानी थी।
बूंदी के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट राजेश जोशी ने कहा, 'परशुराम ने जिला कलेक्टर और बूंदी के पुलिस अधीक्षक (SP) को आवेदन देकर अपनी बारात निकालने के लिए सुरक्षा मांगी थी। दूल्हे के परिवार में उच्च जाति के ग्रामीणों के विरोध का भय था, इसलिए उसकी बारात के लिए पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई।'
बूंदी जिले के चार पुलिस स्टेशनों से पुलिस बल के साथ-साथ प्रशासन के अधिकारियों सहित बूंदी पुलिस लाइन के 80 पुलिसकर्मियों को प्रदान किया गया। भारी पुलिस तैनाती के बीच परशुराम की शादी की बारात दोपहर में निकाली गई। आशीर्वाद के लिए रास्ते में एक मंदिर में बारात भी रुकी और दो घंटे के भीतर बारात का समापन हुआ।
जोशी ने कहा कि बिना किसी अप्रिय घटना के शांतिपूर्ण ढंग से बारात गुजर गई।
राजस्थान से अक्सर इस तरह की खबरें आती हैं। सवाल ये है कि आज भी हमारे देश में इस तरह की चीजें हो रही है, जो कि नहीं होनी चाहिए।
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