वेल्लोर: देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी हत्या मामले में दोषी ठहराये गए सात लोगों में से एक नलिनी श्रीहरन को कोर्ट ने पैरोल दे दी है। दरअसल नलिनी ने अपनी बेटी की शादी के लिए कोर्ट के समक्ष पैरोल की याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए नलिनी की बेटी की शादी के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच एक जेल से 30 दिन की पेरोल पर रिहा कर दिया गया।
नलिनी ने मांगी थी 6 महीने की पैरोल
नलिनी की पैरोल के साथ कई शर्तें लगाई गई हैं। नलिनी 1991 से जेल में बंद है और यह दूसरी बार है जब वह पैरोल पर बाहर आईं हैं। इससे पहले भी वह एक बार पैरोल पर बाहर आ चुकी हैं लेकिन तब वह कम समय के लिए बाहर आईं थी। नलिनी को कुछ शर्तों के साथ पैरोल दी गई है जिनमें मीडिया, राजनीतिक दलों या शख्सियतों से बातचीत ना करना और अच्छा व्यवहार बनाए रखना शामिल है। पैरोल के दौरान नलिनी कड़ी सुरक्षा में रहेंगी। नलिनी ने अपनी बेटी की शादी के लिए 6 महीने की पैरोल मांगी थी।
1991 में हुई थी राजीव गांधी की हत्या
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरमुदुर में एक चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कोर्ट द्वारा नलिनी के अलावा उनके पति मुरुगन, एजी पेरारिवलन, संथन, जयकुमार, रॉबर्ट पायस और रविचंद्रन को दोषी ठहराया था। इस मामले में पहले कोर्ट द्वारा मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी लेकिन 24 अप्रैल, 2000 को तमिलनाडु सरकार ने सजा को कारावास में बदल दिया था।
जेल में जन्मी, विदेश में पढ़ी हैं नलिनी की बेटी
नलिनी ने अपनी जिस बेटी की शादी के लिए पैरोल मांगी है उसकी कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल राजीव गांधी की हत्या के बाद नलिनी और उसके पति जेल में बंद थे। जेल में बंद होने से पहले नलिनी और मुरुगन ने तिरुपति में शादी कर ली थी। 1992 में नलिनी की बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम मेगारा था और बाद में उसे हरिद्रा श्रीहरन का नाम मिला। जन्म के बाद नलिनी की बेटी कुछ वर्षों तक अपनी मां के साथ जेल में रही। बाद में वह अपनी दादी के पास रही जो उसे लेकर श्रीलंका चले गईं। शुरूआती स्कूली शिक्षा श्रीलंका में लेने के बाद हरिद्रा आगे की पढ़ाई के लिए विदेश चले गईं जहां उसके पिता के भाई रहते हैं।
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