खेलों के इतिहास में राजस्थान में अनोखे खेलों में महाकुम्भ का आगाज़ हुआ। राजीव गाँधी ग्रामीण ओलम्पिक महामुकाबले की शुरुआत सीएम अशोक गहलोत ने की जिसमे 44 हज़ार गाँवों के 30 लाख से भी अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं जिसमे करीब 10 लाख महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं। खेल दिवस के अवसर पर शुरू हुए इस महाकुम्भ में कबड्डी, शूटिंग बॉल, वॉलीबॉल, हॉकी और खो-खो सहित कुल 7 खेलों का आयोजन किया जा रहा है. दरअसल इस ग्रामीण महामुकाब्ले के जरिये गहलोत सरकार ग्रामीण वोट बैंक को साधने में जुटी है।
ग्रामीण वेशभूषा धोती, कुर्ता सिर पर पगड़ी और हाथ में है क्रिकेट का बल्ला....वहीं राजस्थान परिधान में घुंघट की आड़ में भी खेल को जितने का जज्बे के साथ होकी स्टिक को थामे महिलायें ..... इन तस्वीर को देखकर फिल्म लगान की तस्वीर आँखों के सामने आ जाती है ... लेकिन यह नज़ारा है राजस्थान में सोमवार से शुरू हुए ग्रामीण ओलम्पिक महामुकाले का।
जहाँ 70 साल की देवरानी, जेठानी में शादी के 50 साल बाद होकी स्टिक उठायी है , तो वहीं अब तक हल-हथोड़ा थामने वाले किसानों- श्रमिकों ने क्रिकेट का बल्ला बल्ला उठाया है, तो किसी ने कब्बडी की टीम बना कर मैदान में है। प्रदेश की ग्राम पंचायतों के खेल मैदान में अनूठे प्रयोग के साक्षी बन रहे इन खेलों में मैदान में ग्रामीण लोग ही खिलाड़ी हैं तो दर्शक भी ग्रामीण ही है और आयोजक भी ग्रामीण अधिकारी ही है, खास बात यह भी है की इस अनौखे खेल में उम्र की कोई सीमा नहीं है 10 साल के बच्चे से लेकर 70 साल के बुजुर्ग तक जीत के जज्बे के साथ खेल मैदान में पसीना बहा रहे हैं. सोमवार को खुद सीएम अशोक गहलोत ने सांकेतिक कब्बडी खेलकर इस खेल आयोजन की शुरुवात की।
इस ग्रामीण ओलिंपिक में 11 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों के 44 हजार से ज्यादा गांव में 5 अक्टूबर तक - कबड्डी, शूटिंग बॉल,वॉलीबॉल,हॉकी, खो-खो और टेनिस बॉल क्रिकेट खेलों का आयोजन होगा। जिसमे 29 लाख 80 हजार से अधिक खिलाड़ी मैदान में है। इनमे पुरुष खिलाड़ी 20 लाख 37 हजार 564 पुरुष खिलाड़ी और 9 लाख 41 हजार 671 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। भाजपा का आरोप है की यह खेल सरकार की बजाय कांग्रेस पार्टी का आयोजन बन गया है क्योंकि गाँवों के सरपंच खुद इसका विरोध कर रहे हैं ।
भले ही खेलों के इस महाकुम्भ के आयोजन का मकसद गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में खेलों की अलख जगाने व ग्रामीणों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, भाईचारे, आपसी प्रेम, सद्भावना एवं सहयोग का माहौल तैयार करना है लेकिन इसके पीछे की असली मंशा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की आहट भी है। क्योंकि खेलों में हुए रजिस्ट्रेशन बताते हैं की 10 से 30 साल तक के करीब 25 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।जिनके वोट पर सरकार की नज़रें भी रहेगी।
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