1962 के युद्ध पर बोले राजनाथ सिंह, 'चीन' पर 'नेहरू' की आलोचना नहीं कर सकता, 'नीति गलत हो सकती है नीयत नहीं'

करगिल विजय दिवस से पहले जम्मू पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1962 के युद्ध में जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाई है, साथ ही उन्होंने कहा किसी कि नीति गलत हो सकती है नीयत नहीं।

Rajnath Singh on Jawahar lal nehru
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संडे को करगिल विजय दिवस से पहले जम्मू पहुंचे थे 

नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संडे को करगिल विजय दिवस से पहले जम्मू पहुंचे थे, वहां एक कार्यक्रम में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने 1962 के युद्ध की बात करते हुए कहा, '1962 में चीन ने लद्दाख में हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया। उस वक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। उनकी नीयत पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। किसी प्रधानमंत्री की नीयत में खोट नहीं हो सकता लेकिन यह बात नीतियों पर नहीं लागू होती है।'

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए सेना के तीनों अंगों की संयुक्त थिएटर कमान स्थापित करने की रविवार को घोषणा की। सिंह ने कहा कि भारत रक्षा उपकरणों के मामले में दुनिया के सबसे बड़े आयातक से एक निर्यातक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने यहां जम्मू कश्मीर पीपुल्स फोरम द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, '(करगिल में ऑपरेशन विजय में संयुक्त अभियान के मद्देनजर) हमने (देश में) संयुक्त थिएटर कमान स्थापित करने का फैसला किया है।'

 'समाज और लोगों का यह कर्तव्य है कि वे शहीदों और उनके परिवारों को पूरा सम्मान दें'

करगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान को देश नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा, 'समाज और लोगों का यह कर्तव्य है कि वे शहीदों और उनके परिवारों को पूरा सम्मान दें।'उन्होंने कहा, 'आप जो भी सहायता प्रदान कर सकते हैं, उनके परिवारों के लिए करें। यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।'

'आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक नहीं है, बल्कि रक्षा निर्यात में शामिल शीर्ष 25 देशों में से एक'

रक्षा उत्पादन का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, 'भारत (रक्षा उत्पादों का) दुनिया का सबसे बड़ा आयातक था। आज, भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक नहीं है, बल्कि रक्षा निर्यात में शामिल शीर्ष 25 देशों में से एक है।' सिंह ने कहा कि देश ने 13,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात शुरू कर दिया है और 2025-26 तक इसे बढ़ाकर 35,000 रुपये से 40,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है।

सुरक्षा स्थिति और राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में भी जानकारी दी जाएगी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने भी जम्मू विश्वविद्यालय के पास गुलशन ग्राउंड में सभा को संबोधित किया। सिंह का विधानसभा चुनाव के वास्ते पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए त्रिकुट नगर स्थित पार्टी कार्यालय में भाजपा नेताओं की एक विशेष बैठक करने का कार्यक्रम है। उन्हें सुरक्षा स्थिति और राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

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