नई दिल्ली : चीन की ओर से सीमा पर होने वाली किसी भी हिमाकत और हरकत का जवाब देने की तैयारी भारत ने पहले से कर ली है। अब चीन को चौतरफा धूल चटाने के रास्ते पर भारत निकल चुका है। चीन की घेराबंद हर तरफ से किए जाने की शुरुआत हो चुकी है। गलवान घाटी की हिंसा के बाद भारत ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वह शांति चाहता है लेकिन अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के कीमत पर नहीं। चीन के गले में कूटनीतिक फंदा कसने के लिए भारत ने अपने प्रयास और तेज कर दिए हैं।
इसी क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को अपने अमिरिकी समकक्ष मार्क एस्पर के साथ वर्चुअल बैठक करने वाले हैं। समझा जाता है कि दोनों नेता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की ताजा स्थितियों पर चर्चा करेंगे। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का भी कहना है कि इस बैठक में सीमा पर तनाव का विषय चर्चा के लिए आ सकता है। गत 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी हिंसा हुई। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। इस टकराव में चीन के सैनिक भी हताहत हुए लेकिन बीजिंग की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया। हालांकि, मीडिया रिपोर्टों में चीन के 40 सैनिकों के हताहत होने की खबर है।
गलवान घाटी की हिंसा के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार सक्रिय
गलवान घाटी की हिंसा के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार सक्रिय हैं। वह पिछले दिनों अपनी तीन दिनों की रूस की यात्रा पर गए। अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने रूस के साथ भारत के रक्षा सौदों में तेजी लाने की बात कही। रूस ने भी भरोसा दिया है कि वह वायु रक्षा प्रणाली एस-400 की आपूर्ति में तेजी लाने के साथ-साथ भारत के अन्य रक्षा प्रस्तावों पर गौर करेगा। मॉस्को में राजनाथ सिंह ने म्यांमार के सैन्य प्रमुख के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता की। समझा जाता है कि इस बैठक में भी चीन की आक्रामकता के बारे में चर्चा हुई।
गलवान घाटी की हिंसा के लिए भारत ने सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया
गलवान घाटी की हिंसा के लिए भारत ने सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि चीन एलएसी पर एकतरफा यथास्थिति में बदलाव करने की कोशिश कर रहा था जिसका भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। इसके बाद हिंसक झड़प शुरू हुई। भारत ने साफ तौर पर गलवान घाटी की हिंसा के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि 'भारत यदि दोस्ती निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर जवाब देना भी जानता है।' गलवान घाटी की हिंसा के बाद एलएसी पर दोनों देशों ने अपने सैनिकों की संख्या में इजाफा कर दिया है। लद्दाख में भारत ने सेना की तीन डिवीजन एवं एंटी मिसाइल सिस्टम को तैनात कर दिया है।
भारतीय रेलवे ने चीनी कंपनियों का 402 करोड़ रुपए का ठेका निरस्त किया
गलवान की घटना के बाद भारत में चीन के खिलाफ जनभावना जोरों पर है। लोग चीन को सबक सिखाने और उसके सामानों के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। जानकार चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने की बात कह रहे हैं। जन भावनाओं का ध्यान रखते हुए सरकार इस दिशा में कदम उठाने लगी है। चीन पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम करते हुए केंद्र सरकार ने हाल के दिनों में कई बड़े आर्थिक फैसले लिए हैं। सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था में चीन की भूमिका कमजोर करना चाहती है। भारतीय रेलवे ने चीनी कंपनियों का 402 करोड़ रुपए का ठेका निरस्त किया है। वहीं, महारष्ट्र सरकार ने चीनी कंपनियों के साथ हुए 5000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव को रोक दिया है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।