तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया गया। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई मुख्यमंत्रियों और नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। सीडीएस के आधिकारिक आवास 3, कामराज मार्ग पर किसान नेता राकेश टिकैत भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उनके पहुंचते ही वहां मौजूद कुछ लोगों ने राकेश टिकैट वापस जाओ के नारे लगाने लेगे।
जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जनरल रावत के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले विदेशी सैन्य कमांडरों में श्रीलंकाई सेना के कमांडर एवं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शैवेंद्र सिल्वा, बांग्लादेश के सशस्त्र बल डिवीजन के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल वाकर-उज़-ज़मान, रॉयल भूटान सेना के डिप्टी चीफ ऑपरेशंस ऑफिसर ब्रिगेडियर दोरजी रिनचेन और नेपाली सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल बाल कृष्ण कार्की शामिल थे। श्रीलंका के पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ एडमिरल रवींद्र चंद्रसिरी विजेगुनारत्ने (सेवानिवृत्त) भी जनरल रावत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। दोनों सैन्य कमांडर नेशनल डिफेंस कॉलेज में एक ही बैच में थे।
भूटान, इजरायल, मालदीव, मॉरीशस और श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों के प्रमुखों से शोक संदेश आए, वहीं कई देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भी जनरल रावत के निधन पर दुख व्यक्त किया। विदेश मंत्रियों के स्तर पर शोक संदेश अमेरिका, भूटान, चेक गणराज्य, जापान, मालदीव, ओमान, सर्बिया, श्रीलंका और वेनेजुएला सहित कई देशों से आए। इसी तरह के संदेश ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चेक गणराज्य, यूरोपीय संघ, इज़रायल, लातविया, मालदीव, पाकिस्तान, श्रीलंका, ब्रिटेन और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों द्वारा भी भेजे गए।
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