नए तेवर के साथ खड़ा हो रहा किसान आंदोलन, जींद में आज महापंचायत, टिकैत रहेंगे मौजूद 

किसान आंदोलन तेज करने को लेकर टिकैत ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। किसान नेता ने कहा है कि कानूनों को वापस लेने के लिए हमने सरकार को अक्टूबर तक का समय दिया है।

 Rakesh Tikait to attend farmers’ mahapanchayat in Haryana’s Jind today
नए तेवर के साथ खड़ा हो रहा किसान आंदोल।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • किसान आंदोलन को समर्थन जुटाने के लिए जींद में महापंचायत
  • किसान नेता राकेश टिकैत इस महापंचायत में रहेंगे मौजूद
  • आज किसान आंदोलन पर राज्यसभा में हो सकती है चर्चा

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच सुलह के अभी आसार नजर नहीं आ रहे हैं। 26 जनवरी की घटना के बाद किसान आंदोलन नए तेवर के साथ खड़ा हो रहा है। 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार वार्ता के लिए महज एक टेलिफोन कॉल की दूरी पर है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी बातचीत के जरिए समस्या का समाधान शीघ्र निकालने की बात कही है। सरकार का कहना है कि उसने बजट 2021 में किसानों की आय दोगुनी करने एवं उनके हितों को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं। 

जींद में आज महापंचायत
सरकार ने बजट में मंडियों एवं एमएसपी पर किसानों को भरोसा दिया है। सरकार के इस रुख के बावजूद किसानों के तेवर नरम नहीं पड़े हैं, वे तीनों कानूनों को वापसी तक आंदोलन करने पर अड़े हैं। किसान संगठनों को विपक्ष से मिल रहे समर्थन ने उन्हें अपनी लड़ाई और मजबूती के साथ लड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। किसान आंदोलन को और गति देने के लिए बुधवार को हरियाणा के जींद में किसानों की महापंचायत हो रही है। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत मौजूद होंगे। जींद के कंडेला गांव में होने वाली इस महापंचायत के लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। टिकैत के अलावा इस रैली में खाप के अन्य नेता भी शरीक होंगे। 

टिकैत ने सरकार को अक्टूबर तक का समय दिया
किसान आंदोलन तेज करने को लेकर टिकैत ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। किसान नेता ने कहा है कि कानूनों को वापस लेने के लिए हमने सरकार को अक्टूबर तक का समय दिया है। सरकार फिर भी यदि इन कानूनों को वापस नहीं लेती तो किसान देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे और सड़कों पर 40 लाख ट्रैक्टर उतार दिए जाएंगे। गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे टिकैत से मंगलवार शिवसेना संजय राउत ने मुलाकात की और किसान आंदोलन को समर्थन देने की बात कही। टिकैत से हाल के दिनों में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने मुलाकात कर उन्हें अपना समर्थन दिया है। किसान आंदोलन का मंच धीरे-धीरे सियासी हो गया है। 

तीनों बॉर्डर पर पुलिस ने बढ़ाई घेरेबंदी
तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसान संगठन ने गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। गत 26 जनवरी को किसान संगठनों ने ट्रैक्टर रैली निकाली लेकिन यह रैली बेकाबू हो गई। ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किला, आईटीओ सहित राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने हिंसा और उत्पात मचाया। इन प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली पुलिस के करीब 396 पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी की जान भी गई। लाल किले पर प्रदर्शनकारियों ने धावा बोला और उसके प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लहराया। यही नहीं लालकिला परिसर में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। 

अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहती दिल्ली पुलिस
गणतंत्र दिवस की घटना को देखते हुए दिल्ली पुलिस अलर्ट हो गई है। अब वह किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती। इसके लिए उसने गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर की घेरेबंदी की है। इन तीनों सीमाओं पर सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई गई है। प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कई स्तरों पर बैरिकेडिंग, बाड़ और सड़क पर नुकीली कीलें लगाई गई हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह नहीं चाहती कि राजधानी में गणतंत्र दिवस जैसी हिंसक घटनाएं दोबारा हों। दिल्ली पुलिस के कमिश्मर का कहना है कि यह सब सुरक्षा के लिए किया गया है।

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