Ram Mandir Bhoomi Pujan: क्या पांच अगस्त की वो घड़ी अशुभ है, धार्मिक सवाल के साथ सियासी तीर से निशाना

देश
ललित राय
Updated Jul 23, 2020 | 17:33 IST

Ram Mandir Bhoomipujan: पांच अगस्त को राम मंजिर भूमिपूजन के बारे में शंकराचार्च स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने विचार को साझा किया है वो उस दिन को अशूभ घड़ी बता रहे हैं।

Ram Mandir Bhoomi Pujan: राम मंदिर भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त अशुभ घड़ी, स्वरूपानंद सरस्वती बोले- सही समय नहीं
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती 
मुख्य बातें
  • पांच अगस्त को अयोध्या में किया जाएगा रामजन्म भूमि पूजन
  • पीएम नरेंद्र मोदी अभिजित मुहुर्त में रखेंगे आधारशिला
  • सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजा जाएगा न्यौता, 150 अतिथि होंगे शामिल

नई दिल्ली। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने  5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह का विरोध किया है। उनका तर्क है कि अशुभ समय में  यह कदम उठाया जा रहा है। शंकराचार्य सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण का काम सही समय पर शुरू होना चाहिए।उन्होंने कहा, 'हम राम मंदिर के लिए कोई पद नहीं चाहते हैं। हम केवल यह चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण सही तरीके से किया जाए और सही समय पर नींव का पत्थर रखा जाए।

अशुभ घड़ी में होगा भूमि पूजन
वो कहते हैं कि यह एक 'आशू की घडी' (अशुभ समय) है। हालांकि शंकराचार्य ने इसे अशुभ समय कहने के लिए कोई विशेष कारण नहीं दिया, लेकिन वे कोरोनावायरस महामारी का जिक्र कर रहे थे।यह टिप्पणी तब भी आई जब उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी जोरों पर चल रही थी।

शंकराचार्य बोले वो भी रामभक्त
हम राम भक्त हैं अगर कोई भी राम मंदिर का निर्माण करता है तो हमें खुशी होगी, लेकिन इसके लिए- उचित तारीख और शुभ समय को चुना जाना चाहिए। इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। राजनीति के कारण, हिंदुओं के मुद्दों पर दस्तक दी जाती है। "मंदिर जनता के पैसे से बनाया जा रहा था, उनकी राय भी मांगी जानी चाहिए," शंकराचार्य सरस्वती ने कहा।

दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि उन्हें इस बात से परेशानी नहीं है कि किन राजनीतिक दलों को न्यौता भेजा जा रहा है,सवाल यह है कि चारों पीठों के शंकराचार्यों को नहीं बुलाया जा रहा है। क्या यह किसी तरह से तर्कसंगत बात है। बीजेपी निहित स्वार्थ के चलते फैसले कर रही है और उसका असर भी दिखाई दे रहा है। वो जानना चाहते हैं कि आखिर वो कौन सी मजबूरी है जिसकी वजह से शंकराचार्यों को नहीं बुलाया गया है।

5 अगस्त को पीएम मोदी करेंगे भूमि पूजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के भूमि-पूजन समारोह में शामिल होंगे।श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने कल कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों को जमीन तोड़ने की रस्म के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। पीएम राम मंदिर के 'भूमि पूजन' के लिए 5 अगस्त को अयोध्या आने के लिए तैयार हो गए हैं। वह वहां डेढ़ घंटे रहेंगे। वह पहले हनुमान गढ़ी के दर्शन करेंगे, फिर दर्शन करेंगे। राम लल्ला ने 'भूमि पूजन' समारोह में भाग लेने से पहले कहा, "स्वामी गोविंद देवगिरि महाराज, जिन्हें किशोरजी व्यास भी कहा जाता है।

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