Bhumi Pujan Entry time fixed : श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल के साथ ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त रहेगी। सभी निमंत्रण प्राप्त लोगों को यहां सुबह 10:30 बजे तक आना अनिवार्य है। इसके बाद प्रवेश नहीं मिलेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के साथ सदस्य स्वामी गोविन्ददेव गिरी तथा डा. अनिल मिश्र ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सभी निमंत्रण प्राप्त करने वालों को भूमि पूजन प्रांगण में सुबह 10:30 बजे तक आ जाना अनिवार्य है। इसके बाद किसी को भी किसी भी कीमत पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सभी को प्रधानमंत्री के आगमन के दो घंटे पहले तक पहुंचना होगा।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आमंत्रित किया गया है उनको कार्ड मिल जाएगा। इस कार्ड के आधार पर कोई दूसरा व्यक्ति उनकी जगह नहीं आ सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कोई वाहन पास जारी नहीं किया गया है। वाहनों को कार्यक्रम स्थल से दूर ही रखा जाएगा। राय ने बताया कि आरएसएस प्रमुख मोहन जी भागवत, सुरेश भैया जोशी और अन्य पदाधिकारी रात्रि तक आ जाएंगे।
चंपत राय ने कहा, हमारे देश की आध्यात्मिक परंपराओं का पालन करते हुए 135 संतों को आमंत्रित किया गया है। इसमें नेपाल से भी संत आएंगे। नेपाल के जानकी मंदिर के महंत भी आएंगे। हमने संतों को बुलाया है। संत महात्मा मिलाकर करीब पौने दो सौ लोग आमंत्रित हैं। हमने इकबाल अंसारी को न्योता दिया है जबकि पद्मश्री मोहम्मद शरीफ को भी आमंत्रित किया है। अनेक लोग साधुओं को दलित कहते हैं। यह बेहद निंदनीय है।
उन्होंने कहा, हमने निमंत्रण पत्र छपाया है जिस पर एक सिक्योरिटी कोड है। निमंत्रण पत्र पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, गवर्नर आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम का अंकन है। कार्ड पर अंकित नंबर और नाम क्रास चेक होगा। आज उन कार्डो का अयोध्या में वितरण शुरू कर दिया गया है। इस परिसर में मोबाइल नहीं जाएगा। यहां पर कोई भी इलेक्ट्रनिक उपकरण नहीं जाएगा न ही कोई कैमरा जाएगा। निमंत्रितों को रंग महल के ही रास्ते कार्यक्रम स्थल में प्रवेश दिया जाएगा। कार्यक्रम करीब 2:00 बजे तक चलने की संभावना है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि यहां पर रामलला के हरे रंग के वस्त्र को लेकर कई तरह की बातें होने लगी है। इतने भव्य कार्यक्रम में भी लोग राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं। भगवान हरे रंग के कपड़े पहनेंगे इसको भी प्रधानमंत्री मोदी से जोड़ दिया गया है। यह विषय प्रधानमंत्री कार्यालय का नहीं है। न ही इसका मुख्यमंत्री से संबंध है और ना ही ट्रस्ट से। शायद लोगों में जानकारी का अभाव है। हरा रंग तो समृद्घि का प्रतीक है। रंग के ऊपर चर्चा करना तो चर्चा करने वाली की बुद्घि का दिवालियापन है।
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