अयोध्या : श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय ने रविवार को कहा कि राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में घोटाले के जो आरोप लगाए गए हैं, वे राजनीति से प्रेरित और गुमराह करने वाले हैं। राय का कहना है कि मंदिर के लिए जो भी जमीन खरीदी गई है, उसकी कीमत खुले बाजार से कम है। ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'धोखाधड़ी के आरोप गुमराह करने वाले और राजनीति से प्रेरित हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने जो भी जमीन खरीदी उसकी कीमत खुले बाजार से काफी कम है।'
अयोध्या में जमीन खरीदने की होड़ मची
राय ने कहा, 'श्री राम जन्मभूमि पर नौ नवंबर 2019 के सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जमीन खरीदने के लिए देश भर से बड़ी संख्या में लोग अयोध्या पहुंचने लगे। जिस प्लॉट के बारे में समाचार पत्र में चर्चा की जा रही है, वह रेलवे स्टेशन के समीप है और बहुत महत्व रखता है।' राय ने कहा कि जमीन की खरीद-फरोख्त आपसी सहमति एवं बातचीत के आधार पर की जा रही है।
उन्होंने कहा, 'जमीन विक्रेता की सहमति लेने के बाद सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होते हैं। जमीन खरीदने में लगने वाले कोर्ट के शुल्क एवं स्टांप ड्यूटी ऑनलाइन खरीदे जा रहे हैं। जमीन की कुल कीमत विक्रेता के खाते में ऑनलाइन भेजी जाती है।'
लोगों को गुमराह कर रही पार्टियां
सचिव ने कहा, 'राजनीतिक पार्टियों के कुछ लोग लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वे समाज को गुमराह करना चाह रहे हैं। इस मामले को उठाने वाले राजनीतिक लोग हैं इसलिए उनकी मंशा भी ठीक नहीं है।' आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीन में घोटाले का आरोप लगाया है।
2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीदने का आरोप
आप नेता ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने शाम 7.15 पर जमीन दो करोड़ रुपए में खरीदा जबकि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के चंपत राय ने इनसे यह जमीन 18.5 करोड़ रुपए में खरीदी।' समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता तेज नारायण पांडे ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, 'ट्रस्ट ने एक जमीन का प्लॉट खरीदा है, यह प्लॉट ट्रस्ट को बेचे जाने से 10 मिनट पहले दो करोड़ रुपए में खरीदा गया। ट्रस्ट ने यह जमीन 18.5 करोड़ रुपए में खरीदी।'
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