नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के धार्मिक एवं आध्यात्मिक स्थलों को पर्यटन के लिहाज से और उन्नत एवं आकर्षक बनाने की दिशा में सरकार सक्रिय है। इसी कड़ी में सरकार अयोध्या के पास सरयू नदी में रामायण क्रूज सेवा शुरू करने जा रही है। इस क्रूज सेवा में भगवान राम से जुड़े कथा प्रसंगों को याद दिलाया जाएगा। सरयू नदी में यह पहली तरह की लग्जरी क्रूज सेवा होगी।
मंत्री ने की समीक्षा बैठक
इस क्रूज सेवा शुरू करने का उद्देश्य अयोध्या आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को एक दैवीय यात्रा की यादगार अनुभूति कराना है। इस दिशा में पोर्ट, शिपिंग एवं वाटरवेज मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को एक समीक्षा बैठक की और क्रूज सेवा शुरू करने की तैयारियों की जायजा लिया। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'अयोध्या के सरयू नदी में पहली बार लक्जरी क्रूज सेवा होगी। इसका उद्देश्य पवित्र नदी के प्रसिद्ध घाटों के माध्यम से भक्तों को एक तरह की आध्यात्मिक यात्रा के साथ एक शानदार अनुभव प्रदान करना है।'
यह क्रूज सेवा वैश्विक मानकों के साथ सभी लक्जरी सुविधाओं के साथ-साथ आवश्यक सुरक्षा और सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित होगी। क्रूज के अंदरूनी हिस्से और बोर्डिग प्वाइंट रामचरितमानस की थीम पर आधारित होंगे।
80 सीटर होगा क्रूज
पूरी तरह से वातानुकूलित 80-सीटर क्रूज में घाटों की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए कांच की बड़ी खिड़कियां होंगी। क्रूज रसोई और पेंट्री सुविधाओं से सुसज्जित होगा। इसमें जैव शौचालय और पर्यावरण पर 'शून्य प्रभाव' के लिए एक हाइब्रिड इंजन प्रणाली होगी। यह क्रूज सेवा सरयू नदी में 15 से 16 किलोमीटर तक चलेगी।
हर साल अयोध्या आते हैं 2 करोड़ पर्यटक
यूपी पर्यटन आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 2 करोड़ पर्यटक अयोध्या आते हैं। राम मंदिर के पूरा होने के बाद, यह माना जा रहा है कि पर्यटकों की आमद और बढ़ जाएगी। 'रामायण क्रूज टूर' न केवल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि यह क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।
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