नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने आवाज उठाई और विरोध-प्रदर्शन किया। इसी पर अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि मोदी सरकार किसी भी कीमत पर शिक्षण संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देगी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न होने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को इससे दूर रखा जाना चाहिए, क्योंकि कई छात्र दूर दराज से अध्ययन करने आते हैं।
कोलकाता में पोखरियाल ने कहा, 'अगर कोई राजनीति करना चाहता है, तो वे कर सकते हैं, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों को इसका केंद्र नहीं बनाएं। विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने आते हैं, वे देश की आशा हैं। मोदी जी की सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।'
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), जामिया मिल्लिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जाधवपुर विश्वविद्यालय और प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय सहित देश भर के कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने सीएए का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। कई जगह ये हिंसक भी हो गया।
पोखरियाल ने विपक्षी दलों पर सीएए पर जानबूझकर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस है, जो देश के धार्मिक आधार पर विभाजन के लिए जिम्मेदार है, जो सीएए के बारे में गलत सूचना फैला रही है।'
नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने 2005 में अवैध प्रवासियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जब वह सांसद थीं। उस समय वह नागरिकता संशोधन कानून की पुरजोर मांग करती थीं।
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