रामपुर: समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को आजम खान के जौहर विश्वविद्यालय की 70 हेक्टेयर से अधिक भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है। इसके साथ ही प्रशासन ने आजम के अध्यक्ष वाली मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को भी बेदखल कर दिया है जो यूनिवर्सिटी को संचालित करता था।
70 हेक्टेयेर भूमि से अधिक भूमि
जौहर विश्वविद्यालय से 70 हेक्टेयर से अधिक भूमि वापस लेने के बाद तहसीलदार (सदर) प्रमोद कुमार ने कहा, ' माननीय उच्च न्यायालय ने बेदखली की प्रक्रिया के खिलाफ अपील खारिज कर दी थी। आज हम यहां कब्जा लेने आए हैं।' इसी साल जनवरी में तहसील प्रशासन ने इस जमीन को शासन में निहित करा दिया था। तब अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता की अदालत ने इस जमीन को सरकार को सौंपने के आदेश दिए थे।
सरकार ने दिया था आदेश
अदालत ने गत 16 जनवरी को जौहर ट्रस्ट की 70.005 हेक्टेयर जमीन, उसे देने के लिए लगाई गई शर्तें पूरी नहीं करने पर सरकार में निहित करने का आदेश दिया था। उन्होंने बताया कि उसके बाद ही जौहर विवि की जमीन को सरकार में निहित कर लिया गया था और अब उच्च न्यायालय के निर्णय का अध्ययन किया जा रहा है। मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को वर्ष 2005 में कुछ शर्तों पर इस विश्वविद्यालय का निर्माण करने के लिए जमीन दी गई थी और इन शर्तों का पालन नहीं करने के लिए राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू की है। आजम खान ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
मुलायम सरकार ने दी थी जमीन
जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने जौहर विवि की जमीन को लेकर शिकायतें की थीं। सूत्रों के अनुसार जांच की गयी तो पता चला कि जौहर ट्रस्ट के नाम पर 2005 से लेकर अब तक 75.0563 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई थी। सूत्रों के अनुसार मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार की कैबिनेट के फैसले में जौहर ट्रस्ट द्वारा खरीदने वाली जमीन पर शुल्क से छूट दी थी। सूत्रों के अनुसार ट्रस्ट के नाम पर जो 70.005 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई उसके लिए स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट से जो प्रस्ताव पारित हुआ था उसमें शर्तें थीं कि ट्रस्ट की ओर से लोकहित से जुड़े कार्य कराने होंगे और अल्पसंख्यकों और गरीबों को नि:शुल्क शिक्षा देनी होगी लेकिन,ऐसा नहीं किया गया।
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