नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी कलह (Crisis in Congress) की पार्टी बन गई है। अभी पंजाब में कांग्रेस की कलह थमी नहीं थी कि अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में गुटबाजी मुखर हो गई है। छत्तीसगढ़ में सीएम पद को लेकर खींचतान बढ़ती ही जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। भूपेश बघेल सीएम पद नहीं छोड़ना चाह रहे हैं जबकि टीएस सिंह देव सरकार बनाने से पहले बने ढाई-ढाई साल वाले फॉर्मूले को लागू करने की बात कर रहे हैं। पहले बताते हैं आपको विवाद की वजह क्या है-
.इससे पहले अभी पंजाब में कांग्रेस में जो कुछ हुआ सबने देखा। कैप्टन को सीएम पद से हटाने के बाद चन्नी को सीएम तो बना दिया गया, लेकिन सिद्धू नाराज हो गए और अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। जाब में कलह जारी है और अब भी हालात सुधरे नहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ अब छत्तीसगढ़ में कलह की शुरुआत हो चुकी है। या यूं कहूं कि पंजाब की राह पर अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस है। राजस्थान में भी गहलोत औऱ सचिन पायलट के बीच ठीकठाक नहीं चल रहा है। ऐसे में हाईकमान को समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाय। उधर बीजेपी कांग्रेस पर हमला कर रही है।
दिल्ली जा रहे एक कांग्रेस विधायक ने कहा, 'अपने निजी काम से जा रहे हैं। हम लोग थोड़ा घुम फिरकर आएंगे। समर्थन वाली बात नहीं, चुनाव हो रहा है क्या ?अपने निजी काम से जा रहे हैं और एक साथ कई विधायकों का दिल्ली आना एक इत्तेफाक है।' इस सारे विवाद के बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस आलाकमान ने बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। भूपेश बघेल को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए यूपी का पर्यवेक्षक चुना गया है।
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