राष्ट्रवाद : दर्शकों, पीएम मोदी की सुरक्षा चूक पर एक और सबूत आ गया है। ( SPG वाला) देखिए ये SPG की चिट्ठी है जो 4 जनवरी को लिखी गई। इस लेटर में कई अहम बाते हैं। इसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी को आतंकी संगठनों से खतरा है। आतंकी सगंठन इंडियन मुजाहिदीन, लश्कर, जैश और हूजी जैसे संगठन साजिश रच सकते हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान में बैठे सिख आतंकी संगठन भी एक्टिव है। जो पंजाब चुनाव में VVIP को निशाना बना सकते हैं। इसमें ड्रोन के जरिए भी आतंकी हमले की साजिश का जिक्र था। यहां तक लिखा गया कि पाकिस्तान से हथियार और आरडीएक्स की तस्करी हो रही है 2021 में 59 ड्रोन एक्टिवी पकड़ी गई है। मैं आपको फिर बता रहा हूं ये लेटर पीएम मोदी के दौरे से ठीक 48 घंटे पहले एसपीजी की तरफ से पंजाब के डीजीपी को भेजा गया लेकिन लगता है डीजीपी साहब अपनी धुन में थे।
पिछले तीन दिनों से पूरे देश ही नहीं दुनिया भर में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा पर हंगामा मचा हुआ है। 130 करोड़ की आबादी वाला, दुनिया का चौथे सबसे ताकतवर देश का प्रधानमंत्री अपने ही देश के अंदर एक फ्लाईओवर पर 20 घंटे फंसा रहा। 10 किलोमीटर दूर पाकिस्तान बॉर्डर था। सामने प्रदर्शकारी थे। ये वो विचारधारा वाले प्रदर्शकारी थे जो किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में होते थे तो नारा लगाते थे कि जब इंदिरा को नहीं छोड़ा तो मोदी को कैसे छोड़ देंगे। हम ये कतई नहीं कह रहे हैं कि सारे प्रदर्शनकारी एक जैसे थे। ज्यादातर उसमें अच्छे थे। लेकिन कई फ्रजाइल एलिमेंट इसमें घुसे हुए थे ये सबको पता है। लेकिन पिछले 3 दिनों में कांग्रेस की तरफ से क्या-क्या कहा गया..एक बार आपको रिकैप करा देते हैं।
इशरत के बाद अब आपको दूसरी घटना की याद दिलाता हूं। पटना ब्लास्ट 27 अक्टूबर 2013 की घटना याद दिलाता हूं। नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी इलेक्शन कैंपेन कर रही थी। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुंकार रैली हो रही थी। तब नीतीश, बीजेपी से अलग हो गए थे। रैली में नरेन्द्र मोदी मंच पर थे तभी अचानक रैली के पिछले हिस्से में धमाका हुआ, फिर दूसरा धमाका हुआ, फिर तीसरा धमाका हुआ। शायद प्लान ये था कि भगदड़ मचे और सैकड़ों लोग मारे जाएं। और इस भगदड़ में कुछ भी हो सकता था। शायद मोदी को लेकर कोई प्लान हो। मैं फिर कह रहा हूं शायद। लेकिन कहते हैं न मारने वाले से बचाने वाले का हाथ बड़ा होता है। आतंकियों ने जो सोचा था उस लेबल का नुकसान नहीं हुआ। नरेन्द्र मोदी बाल-बाल बच गए। बहुत सारे लोग भी बच गए। जब सुरक्षा पर सवाल उठा तो..तमाम विरोधी पार्टियां..जो इस बात को पचा ही नहीं पा रही थी कि तब देश में मोदी की लहर है।
देश, मोदी को पीएम के तौर पर देखना चाहता है। ऐसी पार्टियों ने कहा कि ये पटाखा बीजेपी ने जानबूझकर फोड़ा, सिम्पथी के लिए। किसी ने कहा कि वोट के लिए खुद ये सारी प्लानिंग कर ली। बिहार के भागलपुर की जेल में इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम है फिर हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह है..उसके बाद मुजीबुल्लाह अंसारी है। इन्हें भागलपुर सेंट्रल जेल में तीन-चार दिन पहले लाया गया है। जानते हैं क्यों इन्हें फांसी होनी है। क्योंकि NIA कोर्ट ने माना कि पटना के गांधी मैदान में आतंक की बड़ी साजिश थी और मोदी की जान को भी खतरा था। लेकिन तब भी नौटंकी का पहाड़ा बहुत चला जैसे आज नौटंकी, ड्रामा बता रहे हैं..जांच रिपोर्ट का इंतजार किए बिना..ठीक उसी तरह।
'सब कुछ ड्राम है' - नवजोत सिंह सिद्धू
'पंजाबियत को बदनाम किया' - अल्का लांबा
'पंजाब को बदनाम कर रहे हैं' - पवन खेड़ा
'सिक्योरिटी में कोई चूक नहीं थी' - चरणजीत सिंह चन्नी
'भीड़ नहीं जुटा पाए, तो कांग्रेस पर दोष' - रणदीप सुरजेवाला
'पीएम ने नौटंकी की' - नाना पटोले
दर्शकों, दो घटनाएं आपके सामने रखी गई। लेकिन ऐसी कई घटनाएं और हैं। दरअसल होता क्या है कई बार आप कंम्पीटिशन में अपने कम्पटीटर से घृणा करने लगते हो। क्योंकि आप उसे बहुत कोशिश करने के बाद भी कंप्लीट नहीं कर पाते हो। राजनीति में इसकी जगह नहीं होनी चाहिए। लोकतंत्र में तो बिल्कुल नहीं। लेकिन इसे दुर्भाग्य कहें या जो कह लें, हिन्दुस्तान की राजनीति में ये हो रहा है। और ये दोनों तरफ से हो रहा है। क्या बीजेपी, क्या कांग्रेस ? इसलिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए। अगर सीएम जांच रिपोर्ट आने से पहले कह देगा कि नौटंकी है तो रिपोर्ट बनाने वाला क्या रिपोर्ट बनाएगा ? अगर पीएम की रैली होनी है और 'जोश हाई' लिखकर पूछा जा रहा है तो किसकी गरिमा का कौन ख्याल रख रहा है। रास्ते पर प्रदर्शनकारी हैं..पुलिसवाला उनके साथ चाय पी रहा है..एसएसपी पर आरोप लग रहा है कि उसने ही बता दिया कि पीएम इसी रास्ते आ रहे हैं तो फिर क्या बचता है? SPG लिखित अलर्ट भेज रहा है, स्टेट का डीजीपी कुंभकरणी नींद में सोया लगता है तो कौन सा सिस्टम फॉलो हो रहा है ।
इसलिए राष्ट्रवाद में आज का सवाल है।
48 घंटे अलर्ट के बावजूद भी क्यों पंजाब सरकार नहीं हुई सतर्क ?
PM के रूट पर डेंजर है..फिर भी काफिले को क्लीयरेंस कैसे दिया ?
70 हजार कुर्सी पर 500 लोग थे..तो पीएम को रैली में एक्सपोज होने देते ?
पंजाब सरकार विक्टिम कार्ड खेल रही..या बीजेपी राजनीति कर रही ?
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