Rashtravad: महाराष्ट्र में शिवसेना के सियासी संकट का आज लगातार पांचवां दिन है और दो दिन पहले तक जो शिवसेना बागी शिंदे के आगे सरेंडर करती नजर आ रही थी, वो आज 5वें दिन शेर की तरह दहाड़ी, मुंबई में आज शिवसेना की कार्यकारिणी की बैठक हुई। सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत समेत बड़े नेता बैठक में शामिल हुए और राउत जब बैठक से बाहर निकले तो साफ कह दिया कि शिवसेना से गद्दारी करने वालों को माफी नहीं मिलेगी। उद्धव ठाकरे बागियों पर कार्रवाई करेंगे। बीजेपी के साथ जाने का सवाल नहीं, और अघाड़ी सरकार चलती रहेगी।
सूत्रों से खबर है कि शिवसेना की बैठक में तय हुआ है कि बागी नेताओं पर कार्रवाई होगी। बागी मंत्रियों को भी हटाया जाएगा। शिवसेना के सभी पदों से बागी नेता बर्खास्त होंगे। इसके अलावा शिवसेना की कार्यकारिणी की बैठक में 5 बड़े फैसले और हुए।
1- बाला साहेब के नाम का प्रयोग कोई नहीं कर सकता
2- शिवसेना के नाम का इस्तेमाल कोई नहीं कर सकता
3- एकनाथ शिंदे के फैसले से शिवसेना को फर्क नहीं पड़ता
4- हमारे लिए हर शिवसैनिक अहम है
5- और शिवसेना के हर कार्यकर्ता को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर भरोसा है
उधर विधान सभा के डिप्टी स्पीकर ने शिंदे गुट को बड़ा झटका दिया। शिवसेना की याचिका पर शिंदे गुट के 16 विधायकों को नोटिस जारी कर सोमवार तक जवाब मांगा। डिप्टी स्पीकर ने उस अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया, जो शिंदे गुट की तरफ से डिप्टी स्पीकर के खिलाफ भेजा गया था। लेकिन खबर है कि डिप्टी स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ शिंदे गुट सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। संजय राउत ने आज शिंदे गुट को दूसरी बार धमकी दी। कहा कि किसी की हिम्मत नहीं की शिवसेना पार्टी को कोई हाईजैक कर ले तो वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने पलटवार में कहा कि अब महाविकास अघाड़ी के पास बहुमत नहीं बचा। संजय राउत ने आज फिर कहा कि शिवसैनिक बगावत को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। शिवसैनिक सड़क पर उतरे तो आग लगेगी। इसका असर भी महाराष्ट्र के अलग अलग जिलों में देखने को मिला। शिवसैनिकों ने बागी नेताओं के दफ्तरों पर हमला बोला।
वहीं, शिंदे गुट की तरफ से जवाबी बैठक गुवाहाटी में की गई। सूत्रों के मुताबिक, गुवाहाटी के होटल में निलंबन और पार्टी के नए नाम पर चर्चा की गई। शिंदे गुट ने शिंदे को ही अपना नेता माना। अपनी पार्टी का अलग नाम सोचा। खबर है कि गुट का नया नाम शिवसेना: बाला साहेब ठाकरे नया नाम रखने पर विचार हुआ। इसके अलावा शिंदे ने आज फिर शक्ति प्रदर्शन किया। उनके 42 विधायकों का नया वीडियो सामने आया विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे भी मौजूद नजर आए। ये वीडियो गुवाहाटी में शिंदे कैंप की बैठक के अंदर का था।
यानी बाला साहेब ठाकरे की विरासत पर सियासत तेज है इसीलिए आज राष्ट्रवाद के सवाल अहम हैं:-
'साहेब' की विरासत का वारिस कौन ?
उद्धव या शिंदे..शिवसेना किसकी ?
जिसके पास नंबर, वही सिकंदर ?
शिंदे Vs उद्धव..सड़क पर संग्राम ?
शहर-शहर बवाल..जिम्मेदार कौन ?
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