बागेश्वर (उत्तराखंड): शादी ब्याह या अन्य पार्टियों में शराब का चलन तो एक सामान्य सी बात है लेकिन उत्तराखंड के एक गांव ने ऐसा फैसला लिया है जो मिसाल बनकर सबके सामने है। बागेश्वर के तहत आने वाले कपकोट स्थित रातिकेठी गांव के ग्रामीणों ने गांव में शराब को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। इसके लिए बकायदा ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर पुलिस को सौंपा गया है। ग्रामीणों के इस प्रस्ताव की चर्चा हर तरफ हो रही है।
खर्च होती थी बड़ी राशि
दरअसल यहां शादी ब्याहों में शराब का बेहद चलन था और किसी भी काम को करने से पहले संबंधित व्यक्ति जिसके यहां कामकाज होता था उसके द्वारा शराब पर एक बड़ी राशि खर्च की जाती थी। मेहमानों से लेकर, घर-घर जाकर निमंत्रण देने वालों, लकड़ी लाने वालों तथा भोजन एवं अन्य तरह की व्यवस्था करने वालों के लिए सबसे पहले शराब की व्यवस्था करनी होती थी जिस पर करीब 15 हजार से अधिक की धनराशि खर्च हो जाती थी। एक गरीब के यहां यदि कोई फंक्शन होता है तो उसके लिए यह बड़ी रकम होती है। रातिर केठी जैसे गांव, जो जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर हैं ऐसी परिस्थितियों में वहां दिक्कतें और बढ़ जाती है।
खुली बैठक में प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 29 दिसंबर को गांव वालों ने एक खुली बैठक का आयोजन किया और 80 परिवारों को मौजूदगी में ग्राम सभा में शराब के क्रय-विक्रय पर पूर्णतया रोक लगा दी। गांव में प्रस्ताव पारित किया गया कि जो शख्स शराब पीकर उत्पात मचाता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस प्रस्ताव की एक प्रति बाद में स्थानीय पुलिस स्टेशन और अधिकारियों को सौंप दी गई, जहां से गांव वालों के इस कदम को निष्पादित करने में उनका समर्थन प्राप्त हुआ।
बागेश्वर और पिथौरागढ़ की सीमा पर स्थित है गांव
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, समारोहों या शादी विवाह में शराब पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर नशे की हालत में कोई व्यक्ति परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार करता है या घरेलू हिंसा में लिप्त रहता है, तो पंचायत इस मामले को पुलिस तक ले जाएगी। यदि कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी सभा में हंगामा और हाथापाई करता है, तो ग्रामीण पुलिस से संपर्क कर सकते हैं। लगभग 4,000 फीट की ऊंचाई पर पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों की सीमा पर स्थित, रतिकेठी जिला मुख्यालय से लगभग 81 किमी दूर है। निकटतम शराब की दुकान सामा में हैं जो करीब 20 किमी दूर है, जहां मोबाइल कनेक्टिविटी भी नहीं आ पाती है। यहां से शराब मंगाई जाती है और फिर स्थानीय खुदरा विक्रेताओं द्वारा गांवों में बेची जाती है।
एसपी ने की सराहना
बागेश्वर के एसपी मणिकांत मिश्रा ने कहा, 'ग्रामीणों ने हमसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि शादी और अन्य कार्यक्रमों के दौरान शराब की बिक्री और खपत न हो। पुलिस कानूनी रूप से इसे रोक नहीं सकती है, लेकिन उनका प्रस्ताव सराहना के काबिल है। मैं जल्द ही गांव का दौरा करूंगा और ग्रामीणों से बात करूंगा कि वे इसे कैसे रोक सकते हैं। एक सामाजिक बुराई को समाज के सहयोग से ही रोका जा सकता है।'
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।